रांची: कांग्रेस, जेएमएम, राजद, वाम दलों समेत गैर भाजपाई दलों ने संयुक्त रूप से केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राजभवन के सामने धरना दिया. गैर भाजपा दलों ने संयुक्त रूप से कहा कि केंद्र सरकार जनविरोधी नीतियों को अमल में ला रही है और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है. उन्होंने कहा कि इसी के तहत सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा. वहीं राजयपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) के माध्यम से भी राष्ट्रपति को 11 मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा.
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गैर भाजपाई दलों के केंद्र सरकार के खिलाफ इस धरने का मुख्य मकसद देश में लोकतंत्र की रक्षा करना है. गैर भाजपाई दलों का कहना कि केन्द्र सरकार ने पेगासस सैन्य निगरानी स्पाइवेयर का गलत उपयोग किया है, किसान विरोधी कानून लाए हैं, कोविड-19 महामारी का घोर कुप्रबंधन हुआ है, सरकारी संस्थाओं का निजीकरण, बढ़ती मुद्रास्फीति और मंहगाई के साथ-साथ बेरोजगारी लाई है. जिससे देश की जनता परेशान है और गैर भाजपाई दल सड़क पर उतरने पर मजबूर हो गए हैं.
अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए आंदोलन जारी: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ गैर भाजपाई एकजुट हैं और जब तक जन विरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक सड़क पर उतरकर आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र को बहाल करने, संविधान की रक्षा करने, देश के किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए लगातार आंदोलन जारी है. इस आंदोलन का सिलसिला तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक देश के अन्नदाताओं के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं लौट जाती है. उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की गई थी.
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जेएमएम का केंद्र सरकार पर निशाना
वहीं धरने में शामिल जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि 20 सितम्बर को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में गैर भाजपाई दलों की एक अहम बैठक हुई थी. जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर 19 विपक्षी दलों के नेताओं के बीच 20 अगस्त को हुई वर्चवल बैठक का जिक्र किया गया था. बैठक में केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की गई है. उसी के तहत झारखंड के सभी जिला मुख्यालयों में संयुक्त रूप से गैर भाजपाई दलों ने केंद्र सरकार का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र की सत्ता मे नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में आई है, तब से इस देश में लोकतंत्र की सारी प्रक्रियाओं का हनन किया है. देश के संविधान को कुचला जा रहा है. देश के अन्नदाताओं के चेहरे से मुस्कुराहट छीन ली जा रही है.