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Smuggling In Jharkhand: डंप अफीम को पाउडर में बदल कर खपाने में जुटे तस्कर, नकेल कसने की तैयारी में जुटी पुलिस - opium smuggler

झारखंड में नशे के कारोबारी हर पैंतरा अपना कर तस्करी करने में जुटे हैं. अफीम की तस्करी के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. वहीं झारखंड पुलिस भी उनकी हर चालबाजी का पुरजोर जवाब दे रही है.

झारखंड में नशे के कारोबारी
झारखंड में नशे के कारोबारी

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Published : Apr 18, 2022, 9:18 AM IST

Updated : Apr 18, 2022, 10:13 AM IST

रांचीः झारखंड में नशे के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. इसके बावजूद अफीम तस्कर सक्रिय हैं. झारखंड की राजधानी रांची, खूंटी औऱ चतरा जैसे जिलों में इस वर्ष अफीम की खेती के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया गया था और लगभग 1200 एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट भी किया गया था. लेकिन जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दुर्गम इलाकों में कुछ स्थानों पर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करने में तस्कर कामयाब हुए. जो अफीम पुलिस की नजरों से बच गया, उसे नशे के सौदागरों ने सुरक्षित जगह डंप कर रख दिया था. जिसे अब निकाला जा रहा है. झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में उगाए गए अफीम दूसरे राज्य के तस्करों के माध्यम से राज्य के बाहर भेजा जाने लगा है. झारखंड में कई राज्यों के तस्कर सक्रिय होकर तैयार अफीम को ब्राउन शुगर में तब्दील करने के लिए चोरी छुपे ले जाने में कामयाब भी हो रहे हैं. इस संबंध में सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है.

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पाउडर में तब्दील कर तस्करी की तैयारीः अफीम तस्कर लगातार डंप किए गए अफीम से बने डोडे को राज्य से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस की सतर्कता की वजह से हर बार उनका लाखों रुपए का डोडा पकड़ा जा रहा है. ऐसे में अब अफीम तस्कर नई रणनीति के तहत अफीम का पाउडर बनाकर उसे तस्करी के माध्यम से बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अफीम से ही ब्राउन शुगर बनता है ऐसे में तस्करों की रणनीति है कि भारी भरकम ट्रकों में भरकर डोडा ले जाने से बेहतर है कि वह झारखंड में ही अफीम को ब्राउन शुगर में तब्दील कर उसे छोटे छोटे वाहनों से ही बाहर ले जाया जाए. पिछले वर्ष झारखंड की राजधानी रांची के दशम फॉल इलाके से पुलिस ने अफीम से ब्राउन शुगर बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
एनएच पर विशेष सतर्कता बरतने की हिदायतःइस वर्ष भी राजधानी रांची के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई थी. जिसे ड्रोन के माध्यम से पुलिस ने नष्ट भी किया था. लेकिन ना पकड़े गए अफीम को राजधानी होते हुए ही निकाला जा रहा है. ऐसे में पुलिस ने चार पहिया से लेकर 2 पहिया सभी तरह के वाहनों की चेकिंग का आदेश जारी किया है. खासकर वैसे रूट जो पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा की तरफ जाते हैं. वहां विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है. साथ ही राजधानी से होकर दूसरे राज्यों में जाने वाले एनएच पर विशेष चेकिंग अभियान चलाने का आदेश जारी किया गया है. पुलिस को यह भी सूचना है कि अफीम से बने पाउडर की तस्करी के लिए चोरी के वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसे में इस पर विशेष नजर रखने की हिदायत भी दी गई है.

साल 2021 से लेकर 22 तक लाखों का डोडा जब्तः2021 में पुलिस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से लाखों का डोडा जब्त किया था. जबकि कई एकड़ में लगे अफीम की फसल को भी नष्ट कर दिया था. आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 से लेकर अब तक केवल रांची पुलिस ने 32 अफीम तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. साल 2021 के जनवरी महीने से लेकर 2022 के मार्च महीने तक पुलिस ने केवल राजधानी से 100 क्विंटल से ज्यादा अफीम का डोडा बरामद किया था.

यूपी से लेकर नेपाल तक के तस्कर हुए सक्रियःझारखंड के अफीम तस्करों के तार पड़ोसी देश नेपाल समेत कई राज्यों से जुड़े हैं. राज्य से अफीम के डोडा की सप्लाई यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और पंजाब में की जाती है. जमशेदपुर के बड़े अफीम तस्कर गौतम के तार नेपाल से जुड़े हैं. गिरफ्तारी के बाद गौतम ने पूछताछ में कबूला था कि वह नेपाल और पश्चिम बंगाल के मादक पदार्थ तस्करों से संपर्क में था. 6 अगस्त 2020 को जमशेदपुर की मानगो पुलिस ने 150 ग्राम अफीम के डोडा और 250 ग्राम अफीम के साथ गोलमुरी निवासी गौतम कुमार और रांची के मौलाना आजाद कॉलोनी निवासी हैदर अली को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में गौतम ने कबूला है कि वह रांची के तमामड़ से डोडा व अफीम खरीद कर खड़गपुर ले जा रहा था. उसी दौरान पकड़ा गया.

बाहर के राज्यों से कब कब जुड़े तार :-

  • तमाड़ पुलिस ने लालपुर निवसी बबलू लोहरा, जितेंद्र कुमार सोनी और कोकर निवासी आशीष रंजन को गिरफ्तार किया था. ये अफीम का डोडा लेकर भुवनेश्वर जा रहे थे.
  • रनिया पुलिस ने अफीम के साथ सिलवंती कोंगाड़ी, एब्रेसियास कोंगाड़ी समेत सात तस्करों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों ने पीएलफआई उग्रवादियों की तस्करी में शामिल होने की बात कबूली थी.
  • खूंटी के मारंगहादा से दूसरे राज्यों में अफीम भेजी जा रही थी. पुलिस ने रंजीत और मनीष मुंडा को गिरफ्तार किया था .
  • रामगढ़ में पश्चिम बंगाल के तस्कर मो करीमुद्दीन शेख को अफीम देने आए चतरा के तस्कर विशाल और विकास को बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था. दोनों के संबंध पश्चिम बंगाल के कई तस्करों से रहे हैं.
  • हजारीबाग के मुफस्सिल इलाके से अफीम के साथ यूपी बदायूं के गौरव सिंह, रवि हसन व हजारीबाग के आशीष व राजेश वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. अफीम की अवैध तस्करी में यूपी के तस्कर शामिल थे.
  • राजस्थान के अफीम तस्करों को चतरा पुलस ने 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार राजस्थान निवासी जाबाता राम, बाबू विश्नोई ने राजस्थान लिंक की जानकारी दी थी.

अफीम की खेती नष्ट करने में झारखंड आगेःराज्य पुलिस मुख्यालय की नारकोटिक्टस देखने वाली सेल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में 167.93 किलोग्राम अफीम, 13068 किलोग्राम अफीम का डोडा और 16 लाख 99 हजार 200 रुपये नकद जब्त किए गए थे. वहीं भारी मात्रा में 2160.5 एकड़ जमीन से अफीम की खेती नष्ट की गई थी. राज्य में यूपी, राजस्थान और पंजाब के तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. साल 2021 में 160.65 किलोग्राम अफीम, 1407 किलोग्राम अफीम का डोडा और लगभग 10 लाख रुपये जब्त किए थे.

Last Updated : Apr 18, 2022, 10:13 AM IST

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