रांची: हर साल श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाने वाला राखी का त्यौहार (Rakhi Festival) इस वर्ष 12 अगस्त को मनाया जायेगा. इसे लेकर पारंपरिक रूप से एक महीने पहले से सजने वाला राखी बाजार इस बार थोड़ा मंदा है. इसके पीछे राखी के प्रति बहनों का ऑनलाइन खरीददारी का क्रेज माना जा रहा है (Online Rakhi Market). ऑनलाइन खरीदारी से जहां राखी बाजार प्रभावित हो रहा है, वहीं पोस्ट ऑफिस और कुरियर व्यवसाय भी खासा प्रभावित हुआ है.
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भाई बहन के प्रेम का प्रतीक राखी को लेकर उत्साह जोरों पर है. पिछले दो वर्षों से कोरोना की वजह से यह त्यौहार भी फीका पड़ रहा था, मगर इस बार बहन अपनी भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए खास तैयारी कर रही है. हर वर्ष श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्यौहार इस वर्ष 12 अगस्त को मनाया जायेगा. इसको लेकर पारंपरिक रूप से एक महीना पहले से सजने वाला राखी बाजार इस बार थोड़ा मंदा है. इसकी वजह ऑनलाइन राखी की खरीददारी (Online Rakhi Market) है. इस वजह से जहां राखी बाजार प्रभावित हो रहा हैं. वहीं पोस्ट ऑफिस और कुरियर व्यवसाय भी खासा प्रभावित हुआ है.
आम तौर पर राखी से एक महीने पहले से ही पोस्ट ऑफिस या कुरियर के माध्यम से बहनें घर से दूर रह रहे भाई के लिए राखी पोस्ट करती हैं, मगर हाल के वर्षों में ऑनलाइन मार्केट (Online Rakhi Market) की वजह से राखी पोस्ट ऑफिस से दूर होने लगा है. राजधानी रांची के अलबर्ट एक्का चौक पर अपने भाई के लिए राखी खरीदने पहुंची युवती राखी का मानना है कि ऑनलाइन खरीददारी से पोस्ट ऑफिस या कुरियर सेवा का झमेला नहीं रहता, मन मुताबिक लोग घर बैठे पसंद करके अपने भाई के पते पर भेज देते हैं जो सही समय पर मिल जाता है. दुकानदार उत्तम कुमार की मानें तो पिछले दो वर्षों से कोरोना की वजह से राखी बाजार बुरी तरह प्रभावित रहा. अब थोड़ा बाजार ठीक हो रहा है तो ऑनलाइन का क्रेज बढ़ने से लोग अब घर बैठे खरीददारी करने लगे हैं, जिस वजह से बाजार में रौनक नहीं है.
राखी के समय पोस्टल विभाग को अच्छा खासा राजस्व मिलता रहा है. यही वजह है कि राखी से एक महीने पहले से ही पोस्ट ऑफिस में विशेष व्यवस्था की जाती है. डोरंडा प्रधान डाकघर ने पिछले 15 दिनों में राखी पार्सल को देश विदेश में भेजकर करीब 22 लाख की कमाई की है. डोरंडा प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि राखी के समय जितना हर दिन स्पीड पोस्ट एवं पार्सल से कमाई होती है उसका चार गुणा राखी से होती है. ऑनलाइन का क्रेज भले ही बढ़ा है मगर आज भी लोगों का डाक व्यवस्था पर भरोसा बना हुआ है, जिसके पीछे हर गांव में पोस्ट ऑफिस और डाकिया का होना है.
अरुण कुमार बताते हैं कि ऑनलाइन मार्केट (Online Rakhi Market) के माध्यम से शहरी क्षेत्र में भले ही राखी पहुंच जाता हो मगर ग्रामीण और नक्सली क्षेत्र में आज भी पोस्ट ऑफिस के माध्यम से ही लोग राखी भेजना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार राखी को लेकर रविवार और मुहर्रम की छुट्टी के बाबजूद डाक विभाग काम करता रहेगा और लोगों के घरों तक राखी भेजी जायेगी.