रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के आह्वान पर पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. शुक्रवार को विपक्षी झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि सरकार को पहले बचाव के उपाय करने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे हैं लेकिन उनकी तरफ से महामारी से निपटने की चर्चा नहीं होती यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
जनता कर्फ्यू मामले पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने, विपक्ष ने कहा- पहले बचाव के उपाय करे सरकार - Debate on public curfew
जनता कर्फ्यू के आह्वान पर पक्ष और विपक्ष ने अपनी राजनीति शुरू कर दी है. झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार का कहना है कि सरकार को पहले बचाव के उपाय करने चाहिए. वहीं, बीजेपी के विधायक अमित मंडल ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर है.
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वहीं, बीजेपी के विधायक अमित मंडल ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर है क्योंकि इसका संक्रमण फैलता है. यह वायरल हो जाता है, इंफेक्शन के तीसरे चौथे हफ्ते में उसका प्रकोप दिखने लगता है इसलिए बेहतर है संक्रमण को रोकने के उपाय किए जाएं. इसी सोच से प्रधानमंत्री ने लोगों का आह्वान किया है. उनका मुख्य उद्देश्य वायरस को रोकना है. विपक्ष की आलोचना पर उन्होंने कहा कि है यह एक अनर्गल बयान है, विपक्ष को केंद्र सरकार को इस मामले में मदद के लिए एक प्रपोजल भेजना चाहिए ताकि इस महामारी से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि वह सहमत हैं कि ताली बजाकर डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों को धन्यवाद देने की जरूरत है.