रांची:विद्यार्थियों के विभिन्न समस्याओं को लेकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर रांची विश्वविद्यालय की मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी और जमकर प्रदर्शन किया. मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से विद्यार्थियों को आश्वासन दिया गया है. विद्यार्थियों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द मांगे नहीं मानी गईं तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
एक बार फिर रांची विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने तालाबंदी कर दी है. दरअसल विद्यार्थियों को आश्वासन दिया गया था कि. एक सप्ताह के अंदर फाइनल ईयर के बच्चों का स्पेशल एग्जाम लेकर उन्हें प्रमोट किया जाएगा. लेकिन इस ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने से आक्रोशित एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट में तालाबंदी कर दी. मौके पर जमकर नारेबाजी भी हुई.
विद्यार्थियों की परेशानियों को लेकर NSUI का प्रदर्शन, RU की मुख्य गेट पर की गई तालेबंदी - एनएसयूआई
NSUI के छात्रों ने अपनी कई समस्याओं को लेकर हंगामा किया और रांची यूनिवर्सिटी की गेट पर तालेबंदी कर दी. इस दौरान छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया.
विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया. पीजी के कई विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया है और और कहा गया था कि कोरोना महामारी के मद्देनजर इन विद्यार्थियों का भविष्य को देखते हुए उन्हें प्रमोट किया जाएगा. लेकिन इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई कदम नहीं बढ़ाया गया और मामले को लेकर लगातार विद्यार्थियों में आक्रोश बढ़ता गया.
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पीजी के शैक्षणिक सत्र 2019-21 के फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन हुई, जिसमें गणित और जुलॉजी के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में ऑनलाइन पठन-पाठन संचालित किया गया और परीक्षा ऑफलाइन ली गई. इसमें दो विषयों के छात्रों को सबसे अधिक फेल किया गया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना काल को देखते हुए विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को फेल किया जा रहा है. यह विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग पूरी नहीं होती है, तो उग्र आंदोलन करेंगे. हालांकि मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्र प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है और उन्हें उचित आश्वासन भी दिया है.