रांचीः आरयू के समयबद्ध प्रोन्नति प्राप्त लेक्चरर के छठे वेतनमान की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार के दायर एलपीए याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने सभी प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 1 जनवरी 1996 से छठे वेतनमान देने का आदेश दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में छठे वेतनमान की मांग को लेकर झारखंड सरकार की एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय को यह आदेश दिया है कि समयावधि प्रोन्नति प्राप्त करने वाले यह शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 1 जनवरी 1996 से वेतनमान दिया जाना चाहिए. पूर्व में झारखंड सरकार की एकल पीठ ने इन सभी को छठे वेतनमान देने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को न मानते हुए हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी. उसी याचिका पर सोमवार 18 मई को सुनवाई हुई. अदालत ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए सरकार की एलपीए याचिका को खारिज कर दिया है.
RU के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने का रास्ता हुआ साफ, हाई कोर्ट ने दिया आदेश - High court ordered the sixth pay scale
आरयू के समयबद्ध प्रोन्नति प्राप्त लेक्चरर के छठे वेतनमान की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार की एलपीए याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने सभी प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 1 जनवरी 1996 से छठे वेतनमान देने का आदेश दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट
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बता दें कि शिक्षकेत्तर कर्मचारी प्रशांत कुमार मिश्रा ने रांची विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी पे स्केल के अनुरूप छठे वेतनमान का लाभ नहीं दिए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उसी याचिका पर एकल पीठ ने इन्हें वेतनमान देने का आदेश दिया था. लेकिन एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने एलपीए दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है.