रांचीः दिल्ली से चली राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार को करीब 10 बजे रांची रेलवे स्टेशन पहुंचेगी. इसे लेकर रेल मंडल जिला प्रशासन ने तमाम तैयारियां मुकम्मल कर ली है. वहीं इसके अलावा रांची रेलवे स्टेशन से राजधानी शाम 5:40 में दिल्ली के लिए रवाना होगी. साथ ही गुरुवार की सुबह बेंगलुरु से श्रमिक स्पेशल ट्रेन हटिया रेलवे स्टेशन पहुंचेगी. जानकारी के मुताबिक लगभग 4 बजे रांची रेल मंडल की ओर से पहली ट्रेन हटिया रेलवे स्टेशन से जयपुर के लिए रवाना होगी. इस ट्रेन में झारखंड में फंसे विभिन्न राज्यों के मजदूरों को लेकर संबंधित राज्यों में भेजा जाएगा.
लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए प्रवासी श्रमिकों को संबंधित राज्यों में पहुंचाने और लाने का काम किया जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय ने दिल्ली से 15 जोड़ी ट्रेन चलाने के निर्णय के तहत 12 मई से ट्रेनों की गतिविधि भी बढ़ी है. इस कड़ी में दिल्ली से गुरुवार को राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन रांची पहुंच रही है. हालांकि, दिल्ली से आने वाली इस ट्रेन में सवार यात्री पूरी तरह संक्रमित जोन से झारखंड की राजधानी रांची पहुंचेंगे. इसे लेकर रेल मंडल के फ्रंट में काम करने वाले कर्मचारियों में भय जरूर है.
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जानकारी के मुताबिक रेलवे लगातार लापरवाही कर रही है. आरपीएफ के जवानों के अलावा रेलकर्मी इन दिनों भयभीत हैं. क्योंकि वेल्लोर से हटिया पंहुची ट्रेन में एक लड़की कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है. इसके बाद रेलवे कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि बचाव के लिए रेलवे की ओर से अब तक कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं.
700 रेल कर्मचारी सीधे संपर्क में
500 से ज्यादा आरपीएफ जवान रांची और हटिया में ड्यूटी पर तैनात है. मेडिकल के कर्मचारी ऑपरेटिंग और कमर्शियल में मिलाकर कुल 700 रेलकर्मी सीधे तौर पर जान जोखिम में डालकर ड्यूटी पर डटे हैं, लेकिन उनकी अनदेखी की जा रही है. क्योंकि इनके लिए रेलवे की तरफ से कोई उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है. नाम भर के लिए एक मास्क और सेनेटाइजर दिया जा रहा है लेकिन डायरेक्ट संदिग्ध लोगों के साथ संपर्क में आना यह नाकाफी साबित होगा.
58 रेलकर्मी आइसोलेट, दो जवान रिम्स में भर्ती
रांची रेल डिवीजन के 58 रेलकर्मी फिलहाल हटिया रेलवे स्टेशन के समीप डीआरएम ऑफिस के पास अस्पताल में आइसोलेट है. वहीं, संदिग्ध स्थिति में आरपीएफ के दो जवान को रिम्स में भर्ती करवाया गया है. 25 जवान को रेलवे के अस्पताल में आइसोलेट किया गया है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेलवेकर्मियों पर किस तरह भय का माहौल है.
आरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा है कि रेलवे के अधिकारियों से बार-बार फ्रंट में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों के लिए पीपीई किट मांगा गया है. लेकिन इस ओर विभाग ने ध्यान ही नहीं दिया है. ऐसे में आने वाले समय में यह स्थिति भयावह हो सकती है. रेलवे मेंस एसोसिएशन ने रेलवे पर कमीशन खोरी का आरोप लगाया है तो वहीं बेवजह रेलवे ने करोड़ों खर्च कर एक पुरानी ट्रेन को आइसोलेशन वार्ड बनाया है जिसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है. इसके बदले अगर पीपीई किट पर खर्च किया जाता तो शायद कोरोना से लड़ने में आरपीएफ के जवान और रेल कर्मचारी निडर होकर सामने आते.
वहीं, पूरे मामले को लेकर रांची रेल मंडल के सीपीआरओ नीरज कुमार ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत तमाम लोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था दी गई है. कर्मचारियों का ख्याल रांची रेल मंडल रख रहा है.