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CRPF-BSF से हथियार तस्करी मामला: अब NIA करेगी जांच, केस को किया टेकओवर

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Published : Dec 16, 2021, 9:38 AM IST

गैंगस्टर और नक्सलियों के बीच हथियार और कारतूस सप्लाई मामले की जांच अब एनआईए करेगी. एनआईए ने केस टेकओवर कर लिया है. एनआईए के एफआईआर के मुताबिक सीआरपीएफ जवान अविनाश समेत अन्य आरोपी नक्सलियों के साथ-साथ अमन साव के गैंग को हथियार और कारतूसों का सप्लाई करता था. केस का मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी रांची एनआईए के एसपी शैलेंद्र मिश्रा को बनाया गया है.

NIA to investigate arms smuggling case from CRPF and BSF
हथियार तस्करी मामला

रांची:झारखंड के बड़े गैंगस्टर और नक्सलियों के बीच हथियार और कारतूस सप्लाई मामले की जांच अब एनआईए करेगी. एनआईए ने केस दर्ज करते हुए एटीएस थाने में दर्ज कांड संख्या 1/21 को टेकओवर कर लिया है.


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हथियार और कारतूस तस्करी मामले में एनआईए ने झारखंड एटीएस के द्वारा गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार, ठेकेदार मुजाहिद खान, संजय कुमार सिंह, पाकुड़ जेल में बंद गैंगेस्टर अमन साहू, बीएसएफ के पूर्व जवान अरूण कुमार उर्फ फौजी, ऋषि कुमार और पंकज कुमार सिंह समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एनआईए रांची ने इस मामले में आरसी 4/21 दर्ज किया है. केस का मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी रांची एनआईए के एसपी शैलेंद्र मिश्रा को बनाया गया है.



क्या है मामला


एनआईए के एफआईआर के मुताबिक सीआरपीएफ जवान अविनाश समेत अन्य आरोपी नक्सलियों के साथ-साथ अमन साव के गैंग को हथियार और कारतूसों का सप्लाई करता था. इन हथियारों का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों पर हमला भी किया गया था. अमन साव गिरोह ने भी आपराधिक गिरोह के द्वारा सप्लाई किए गए हथियारों से भी कई वारदातों को अंजाम दिया है. एनआईए के एफआईआर के मुताबिक सिविल कांट्रेक्टर मुजाहिद खान और संजय सिंह माओवादियों को फंड और जरूरी सामानों की सप्लाई करते थे. मुजाहिद खान ने 250 राउंड इंसास की गोलियों की सप्लाई माओवादियों को पहले किया था. इसके बदले मुजाहिद ने ऋषि कुमार को 1.75 लाख रुपये का भुगतान भी किया था. गिरोह के ऋषि कुमार और अविनाश कुमार को एटीएस ने 450 रांउड कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था, जब वह अमन साव के गैंग को हथियार की सप्लाई करने जा रहे थे. दोनों को चुटुपालू घाटी के शेख भिखारी भवन के पास से गिरफ्तार किया गया था.


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देश के अलग अलग हिस्सों से जुड़ रहे थे तार

हथियार और कारतूसों की सप्लाई करने वाले गैंग के तार देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ रहे थे. एटीएस ने इस मामले में बीएसएफ के कोत प्रभारी को भी गिरफ्तार किया था. वहीं आधा दर्जन से अधिक जवानों की भूमिका अब तक की जांच में आई है. गिरोह के सदस्यों ने बीते छह-सात सालों में यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के बाहुबली नेताओं और गैंगेस्टरों को भी हथियार की सप्लाई की है. गिरोह के तार पूर्वी राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी समेत अन्य राज्यों से जुड़े थे. वहीं सुरक्षा एजेंसियों को मिले कारतूसों की सप्लाई की बात भी जांच में सामने आई थी. राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मामलों के कारण एनआईए ने इस संबंध में जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने इस संबंध में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस मामले में जेल में बंद आरोपियों को एनआईए अब रिमांड पर लेगी.



किस किस को बनाया आरोपी

  • सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार, इमामगंज, गया (गिरफ्तार)
  • ऋषि कुमार, बेनीपुर, सलीमपुर, गया (गिरफ्तार)
  • पंकज कुमार सिंह, सिमरी, सकरा, मुजफ्फरपुर (गिरफ्तार)
  • संजय कुमार सिंह, एयरपोर्ट रांची (फरार)
  • मुजाहिद खान, ठेकेदार (फरार)
  • अमन साहू (गिरफ्तार)
  • अरूण कुमार सिंह उर्फ फौजी , सोनपुर, छपरा (गिरफ्तार)

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