रांची: भाला फेंकने वाले नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है. ओलंपिक स्टेडियम में 120 साल में एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता. स्वतंत्र भारत के लिए यह पहला एथलेटिक्स पदक है. इनकी इस जीत पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने बधाई दी है.
ये भी पढ़ें:सिमडेगा में मना टोक्यो की जीत का जश्न, ढोल-नगाड़ों पर जमकर थिरके लोग
नीरज की जीत पर सीएम हेमंत सोरेने बधाई देते हुआ लिखा 'नीरज चोपड़ा को उनकी उल्लेखनीय कारनामे के लिए मेरी हार्दिक बधाई, Tokyo2020 भाला इवेंट में उनका गोल्डन थ्रो, भारत को ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया. उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हम सभी को गर्व है.'
वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बधाई देते हुए ट्विट किया 'भाला फेंकने वाले नीरज चोपड़ा ने TokyoOlympics में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है. वे वह व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे एथलीट बन गए'
भारत का ओलंपिक एथलेटिक्स में ये पहला मेडल है. वहीं, ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला. इससे पहले बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था. एथलेटिक्स कैटिगरी में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है. अभी तक ओलंपिक आयोजन में भारत को 9 गोल्ड मेडल मिले हैं. इनमें से 8 ग्रुप इवेंट हॉकी में मिले हैं.
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं. उनका जन्म 24 दिसंबर 1997 को एक किसान परिवार में हुआ था. चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज के पासआउट नीरज ने एथलेटिक्स को ज्वॉइन करने का मकसद दिलचस्प है. वह अपना वजन कम करने के लिए इस फील्ड में उतरे थे. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक के लिए जर्मनी के बायो मैकेनिक्स एक्सपर्ट क्लाउस बार्तोनित्ज से ट्रेनिंग ली है