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नगर निगम होगा और भी सक्षम, 50 करोड़ रुपए तक की योजनाओं के क्रियान्वयन का मिलेगा जिम्मा

नगर निकायों को जवाबदेह बनाने के लिए झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग को इस बाबत निर्देश दिया है. इसके लिए नगर निगम के 10 करोड़ तक की योजना का दायरा बढ़ाकर 50 करोड़ तक की योजना के चयन और क्रियान्वयन के लिए स्वतंत्र बनाना होगा.

बैठक करते अधिकारी

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Published : Jun 22, 2019, 9:18 AM IST

रांची: नगर निकायों को जवाबदेह बनाने के लिए उन्हें सक्षम और स्वतंत्र बनाना जरूरी है. झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग को इस बाबत निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरह निकाय भी अपनी नीति और विकास की योजनाएं बनाएं, राजस्व संग्रहण करें और बजट जैसे निर्माण के लिए जवाबदेह बनें.

विकास की योजनाएं
इसके लिए नगर निगम के 10 करोड़ तक की योजना का दायरा बढ़ाकर 50 करोड़ तक की योजना के चयन और क्रियान्वयन के लिए स्वतंत्र बनाना होगा. मुख्य सचिव ने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छोटी-छोटी चीजों के लिए निगम को सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और कार्य में तेजी भी आएगी. मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन के लिए अपनी अध्यक्षता में राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. इस दौरान नगर विकास विभाग के कई प्रस्तावों को अनुमोदित भी किया गया.

निकाय कर्मियों के तबादले से बचने की सलाह
मुख्य सचिव ने नगर निकायों के अधिकारियों और कर्मियों के तबादला से लांग टर्म प्लानिंग के क्रियान्वयन में होनेवाले व्यवधान को देखते हुए उनका तबादला नहीं करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि निकाय के चप्पे-चप्पे से वाकिफ लोग रहेंगे और जरूरत के अनुसार योजना बनाने, उसका क्रियान्वयन करने के साथ त्वरित समस्या समाधान में भी सहूलियत होगी.

कर्मियों की क्षमता संवर्धन करने का भी निर्देश
उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि नाकाबिल या कामचोर लोग एक जगह कुंडली मारे बैठे रहे. ऐसे लोगों को तबादला की जगह हटाने की कार्रवाई करें. वहीं कैडर बनने के बाद भी निकायों में नियुक्ति नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने नियमित नियुक्ति करने का निर्देश दिया. इसे सबसे पहले रांची और धनबाद नगर निगम में लागू करने के साथ निकायों के कर्मियों की क्षमता संवर्धन करने का भी निर्देश दिया.

जुपमी को समन्वित एकेडमिक सेंटर बनाएं
मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के उपक्रम जुपमी को समन्वित एकेडमिक सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है. इसमें विभिन्न विभागों मसलन, हर्टीकल्चर, जल संरक्षण, टाउन प्लानर, ट्रैफिक एक्सपर्ट जैसे कुशल लोगों का चयन कर उसमें प्रतिनियुक्त करने को कहा है.

विभागों के कर्मियों को ट्रेनिंग
वहीं, किसी विशेषज्ञ को इसका निदेशक बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जुपमी के लोग विभिन्न विभागों के कर्मियों को ट्रेनिंग देकर उनकी कुशलता में इजाफा करेंगे. इसके अलावा ये रिसर्च और कंस्लटेंसी देने का भी काम करेंगे. इसके लिए पथ निर्माण व नगर विकास सचिव को संयुक्त रूप से स्ट्रक्चर बनाने को कहा गया है कि किस विभाग से कितने लोगों को लेना है. उसका प्रस्ताव 15 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया गया.

निकायवार विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन को लेकर राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए राज्य के 38 शहरी निकायों के 19,333 आवासों के निर्माण का डीपीआर भारत सरकार को भेजने के लिए अनुमोदित किया.

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स्वीकृत डीपीआर में संशोधन का अनुमोदन
इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए क्षमता संवर्धन प्लान को भी भारत सरकार की स्वीकृति के लिए भेजने को अनुमोदित किया गया. वहीं बिरसा मुंडा पार्क स्थित भूमि पर जी-4 मॉडल में 175 आवासों के निर्माण के लिए स्वीकृत डीपीआर में संशोधन का अनुमोदन किया गया. साथ ही नवगठित चार नगर निकायों बरहरवा, छतरपुर, डोमचांच और कपाली से प्राप्त हाउसिंग फॉर ऑल प्लान ऑफ एक्शन को भारत सरकार से स्वीकृति के पूर्व समिति ने अनुमोदित किया.

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