रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई शुरू होने की संभावना है. अगस्त के पहले सप्ताह तक इस सत्र का आयोजन किया जाएगा. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 5 से 6 दिनों का कार्य दिवस होने की संभावना है जिसमें सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य किए जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इसकी औपचारिक रुप से घोषणा की जायेगी.
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29 जुलाई से शुरू हो सकता है सत्र: सत्र की शुरुआत होने के बाद 30 और 31 को शनिवार-रविवार के कारण सदन की कार्यवाही नहीं होगी. सोमवार यानी एक अगस्त से सदन की कार्यवाही चलेगी जिसमें विधायी कार्यों के अलावे सरकार द्वारा पिछले दिनों राजभवन से लौटाई गई कई बिलों को सदन के पटल पर रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान विधायक अपने अपने क्षेत्र की समस्या को सदन में रखेंगे. इसके अलावे सदन के पहले दिन मांडर की नवनिर्वाचित विधायक शिल्पी नेहा तिर्की सदन की सदस्यता ग्रहण करेंगी.
6 माह के अंदर सत्र बुलाना जरूरी: संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 06 महिने का होना चाहिए. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी से 25 मार्च तक हुआ था. इस तरह मानसून सत्र 25 सितंबर से पहले होना चाहिए. 2021 में 03 से 09 सितंबर तक मानसून सत्र चला था वहीं 2020 में कोरोना के कारण 18 से 22 सितंबर तक मानसून सत्र आयोजित हुए थे जबकि 2019 में 22 से 26 जुलाई तक आयोजित हुआ था.
क्या है संवैधानिक प्रावधान: विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं जो कि बजट सत्र,मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रुप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. जाहिर है मानसून सत्र को लेकर सरकार के पास अभी पर्याप्त दिन शेष हैं. बजट सत्र को छोड़कर मानसून और शीतकालीन सत्र अमूमन कम दिनों का बुलाया जाता है. 2019 और 2020 में मानसून सत्र महज पांच दिनों का ही बुलाया गया था.