रांचीः लंच के बाद शुरू हुई कार्यवाही में बीजेपी ने आरोप लगाया कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में महंगाई के साथ-साथ बेरोजगारी के कारणों पर भी चर्चा को लेकर सहमति बनी थी लेकिन इस विषय को हटा दिया गया. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि कार्य मंत्रणा की बैठक में साफ तौर पर महंगाई और रोजगार विषय पर चर्चा की बात हुई थी.
उन्होंने कहा कि अभी बेरोजगारी एक ज्वलंत मुद्दा है और नियोजन नीति की वजह से पूरे राज्य में भ्रामक की स्थिति बनी हुई है. सरकार को बताना चाहिए कि राज्य में कौन स्थानीय है. पिछले सरकार ने इसके लिए 1985 का कट ऑफ डेट बनाया था जिसे वर्तमान सरकार हटा चुकी है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि स्पीकर का पद निष्पक्ष होता है. ना काहो से दोस्ती ना काहू से बैर. उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा में प्रदीप यादव ने महंगाई की बात उठाई थी तो सुदेश महतो ने रोजगार पर चर्चा की बात की थी. फिर भी चर्चा के विषय से रोजगार शब्द को हटा दिया गया.
आजसू विधायक सुदेश महतो ने भी स्पीकर को कार्य मंत्रणा में हुई चर्चा का हवाला दिया. इसपर प्रदीप यादव ने कहा कि सुदेश महतो ने जरूर कहा था कि उद्योग और बेरोजगारी पर चर्चा हो . लेकिन किस विषय पर चर्चा हो यह तय करने का अधिकार स्पीकर के पास होता है. इसपर सुदेश महतो ने प्रदीप यादव से कार्य मंत्रणा की परिभाषा पूछ डाली.
भारी हंगामे के बीच झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने महंगाई पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इसकी वजह केंद्र सरकार है. उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री का यह नारा कि अच्छे दिन आएंगे कहां गया. विपक्ष के हंगामे के बीच सत्ता पक्ष के कुछ विधायक वेल में पहुंचे जिन्हें स्पीकर ने आसन पर लौटने को कहा. वेल में भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा.
4684 करोड़ 93 लाख का अनुपूरक बजट