रांची: कोरोना काल में जब बच्चों के स्कूल बंद हो गए. तब ऑनलाइन पठन पाठन के चलन ने रफ्तार पकड़ ली, बच्चों का क्लास अब ब्लैक बोर्ड पर नहीं बल्कि मोबाइल, लैपटॉप और डेस्कटॉप पर चलने लगे हैं. इससे जहां बच्चों को फायदा हुआ वहीं अब इसके दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे हैं.
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मोबाइल बन गई मजबूरी
ऑनलाइन पठन-पाठन की वजह से बच्चों को मोबाइल फोन देना आजकल पेरेंट्स के लिए भी मजबूरी बन गई है. बच्चे कुछ देर तक तो उस पर पढ़ाई जरूर करते हैं. लेकिन मौका देखते ही गेम खेलने लगते हैं. ऐसा करने की वजह से वे धीरे-धीरे मोबाइल एडिक्शन की गिरफ्त में फंसे रहे हैं. इस एडिक्शन की वजह से उनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा लगातार बढ़ रहा है .मोबाइल फोन के लगातार इस्तेमाल की वजह से बच्चों में अनिद्रा आंख और सिर में दर्द की समस्या भी बढ़ती जा रही है. आराम के वक्त मोबाइल फोन का लगातार इस्तेमाल करने पर उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. जिसके चलते वे बीमारी की गिरफ्त में आर रहे हैं.
ऑनलाइन पढ़ाई से बीमारी