रांचीः जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय की पुस्तक 'रहबर की राहजनी' में उठाए गए मुद्दे चर्चा में है. इस किताब के माध्यम से पूर्व मंत्री झारखंड में अवैध उत्खनन के मामले को उठाया है. उन्होंने शाह बंधुओं को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को भी अवैध उत्खनन के मामले से अवगत कराया है. अगर सरकार इस पर संज्ञान नहीं लेती है तो वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.
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मंगलवार को विधायक सरयू राय ने अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने बताया कि झारखंड में लौह अयस्क का खनन, उसके व्यापार के मामले में जो अनियमितताएं हुई हैं और जो लोग इसमें सहभागी रहे हैं. प्रमाण के साथ उन बातों को पुस्तक में रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि शाह ब्रदर्स की ओर से अपने खदान से लौह अयस्क की ढुलाई करके बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा है. लेकिन खान विभाग और वन विभाग के लोग चुप हैं.
'हर किसी को अंधेरे में रखा गया, तथ्य छुपाए गए'
ऐसे में यह सवाल उठता है कि किस नियम के तहत शाह ब्रदर्स को ऐसा करने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खासकर सारंडा के फॉरेस्ट ऑफिसर और चाईबासा के डिप्टी माइनिंग ऑफिसर को किसने आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का भी दुरुपयोग किया जा रहा है और न्यायमूर्तियों को अंधेरे में रखकर हाई कोर्ट की बेंच को गुमराह करते हुए तथ्यों को छुपाया जा रहा है, सरकार के अधिकारी अवैध खनन में संलिप्त हैं.