रांची: झारखंड विधानसभा में निर्दलीय विधायक और पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने बुधवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मेनहर्ट परामर्शी घोटाले मामले में सवालों के जवाब देने के काबिल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इससे बेहतर होगा कि रघुवर दास सच मान लें और पश्चाताप करें. इसी में उनका कल्याण है.
मेनहर्ट परामर्शी घोटाले से जुड़ी किताब लम्हों की खता के रिलीज होने के 48 घंटे के बाद राय ने कहा कि पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और हेमंत सोरेन के नाम की आड़ में अपना कसूर छुपाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनका अपराध और उनका भ्रष्टाचार इससे अलग है. राय ने साफ तौर पर कहा कि रघुवर दास की छवि धूमिल करने से उन्हें क्या हासिल होगा. इसके साथ ही यह भी कहा कि अपनी छवि धूमिल करने के लिए दास स्वयं पर्याप्त हैं. सरयू राय ने कहा कि सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन में जो खुद अपने हाथों से अपने चेहरे पर कालिख होता है उसके लिए दूसरे को कोशिश करने की जरूरत नहीं होती.
'मेनहर्ट मामले में किसने दी क्लीन चिट'
राय ने साफ तौर पर कहा कि रघुवर दास को बताना चाहिए कि किस जांच में मेनहर्ट की नियुक्ति सही पाई गई और किस न्यायालय ने मेनहर्ट की बहाली पर क्लीन चिट दिया है. उन्होंने कहा कि सच यह है कि किसी ने भी मेनहर्ट की बहाली पर क्लीनचिट नहीं दिया. यह स्पष्ट है कि मेनहर्ट की नियुक्ति गलत थी. इसके साथ ही उसकी बहाली में अनियमितता भ्रष्टाचार और घोटाला हुआ.
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'किसने किया मेनहर्ट को भुगतान'
उन्होंने सवाल करते हुए पूछा है कि मेनहर्ट को आखिर भुगतान किसने किया और किस व्यक्ति ने कैबिनेट के सामने सही बात नहीं रखी. राय ने कहा कि पूरे मामले में रघुवर दास की मुख्य भूमिका रही है. इसके अलावा उन्होंने आठ अलग-अलग सवाल भी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से किए हैं. दरअसल, मेन हर्ट परामर्शी नियुक्ति घोटाले के समय राज्य के शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी रघुवर दास के पास थी. मेनहर्ट सिंगापुर की एक कंपनी थी, जिसे शहर के सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम के लिए एक डीपीआर तैयार करना था. कंपनी टेंडर के अनुरूप योग्यता नहीं रखती थी इस वजह से उसे अयोग्य करार कर दिया गया. बावजूद उसके उसे बड़ी मात्रा में पैसे का भुगतान भी किया गया. सोमवार को इससे जुड़े किताब के लोकार्पण के दिन रघुवर दास ने सरयू राय के ऊपर आरोप लगाया था कि वह उनकी छवि धूमिल करना चाहते हैं.