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पांच साल-पांच ठिकानाः श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया कौशल विकास के नए दफ्तार का उद्धाटन - प्रधानमंत्री कौशल विकास

रांची में डोरंडा के श्रम भवन में बने कौशल विकास (Skill Development) के नए कार्यालय का श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Labor Minister Satyanand Bhokta) ने किया. बेरोजगारों को हुनरमंद बनाने के लिए बनी कौशल विकास मिशन ने रिकॉर्ड बनाते हुए पांच वर्षों पांच बार अपना पता ठिकाना बदला है.

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श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता

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Published : Jul 6, 2021, 11:05 PM IST

रांचीः हुनर के साथ बेरोजगारों के जीवन में रंग भरनेवाला कौशल विकास मिशन का दफ्तर एक बार फिर बदल गया है. मंगलवार को मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कौशल विकास मिशन सोसाइटी के नए कार्यालय का उद्घाटन किया.

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इससे पहले कौशल विकास मिशन (Skill Development Mission) का यह दफ्तर डोरंडा और नामकुम में कार्यशील रहा है. एक बार फिर डोरंडा के श्रम भवन की बिल्डिंग में कौशल विकास कार्यालय की शुरुआत श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने की. इस दौरान उन्होंने कौशल विकास के कार्यो में तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. इस मौके पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि कोरोना के कारण फिलहाल प्रशिक्षण का कार्य बाधित है. राज्य सरकार का दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही युवाओं को ट्रेनिंग देकर हुनरमंद बनाया जाएगा.

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पांच वर्ष में पांचवीं बार बदला दफ्तर
27 दिसंबर 2016 को पूर्व सीएम रघुवर दास ने झारखंड में कौशल विकास मिशन की शुरुआत की थी. अपनी स्थापना के बाद यह पांचवां मौका है, जब कौशल विकास मिशन सोसाइटी का पता बदल गया है. कौशल विकास का नया कार्यालय अब हाई कोर्ट के पास श्रम भवन के पिछले हिस्से में अवस्थित हो गया है. पहले यह कार्यालय नामकुम स्थित टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कैंपस में चल रहा था. लिहाजा किसी भी फाइल को सचिवालय आने में घंटों का समय लग जाता था, साथ ही सचिव और निर्देशक कौशल विकास पर नजर नहीं रख पाते थे. अब एक छत के नीचे श्रम भवन में दफ्तर के खुल जाने से कामकाज में आसानी होगी.
कोरोना के कारण ट्रेनिंग प्रोग्राम बंद
कोविड की वजह से कौशल विभाग के तमाम प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद हैं. ट्रेनिंग सेंटर पर ताले लटके हुए हैं. रोजगार की तलाश में राज्य से युवा पलायन करने को मजबूर हैं. झारखंड की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में भी की जाने लगी है जहां पर सबसे ज्यादा पलायन होता है. इसे रोके जाने की जरूरत पर बल दिया गया. श्रम सचिव प्रवीण टोप्पो (Labor Secretary Praveen Toppo) ने कहा कि पलायन जीरो पर आ जाएं यह कभी संभव नहीं है लेकिन इसे कम जरूर किया जा सकता है.

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