रांची: बीजेपी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार के खुले पत्र के बाद लगातार आलोचना के शिकार हो रहे प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह के बचाव में उनके कैबिनेट सहयोगी और राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामले के मंत्री सरयू राय उतर आए हैं.
महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी
राय ने कहा कि राजधानी के निर्माणाधीन सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम की बदहाली के लिए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के द्वारा मंत्री सिंह को जिम्मेदार ठहराया जाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि खुद सोरेन ने अपने नगर विकास मंत्रित्व काल में इस संबंध में महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है. साथ ही अयोग्य साबित हो चुके मेनहर्ट परामर्शी को 17 करोड़ बकाया भुगतान करने के लिए कैबिनेट से संकल्प पारित कराया है.
मेनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति अवैध थी
सरयू राय ने कहा कि यह तब किया गया जब निगरानी (तकनीकी कोषांग) की जांच में यह साबित हो गया कि डीपीआर बनाने और इसको इंप्लीमेंट करने का पर्यवेक्षण करने के लिए मेनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति अवैध थी. इस काम के लिए तकनीकी रूप से अयोग्य थे.
जांच रिपोर्ट भी सौंपी गई थी
राय ने कहा कि 6 अगस्त 2010 को निगरानी (तकनीकी कोषांग) के चीफ इंजीनियर ने तत्कालीन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा को इससे जुड़ी जांच रिपोर्ट भी सौंपी थी. जिसमें मेनहर्ट की योग्यता पर सवाल खड़े किए गए थे. जांच रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई करने की बजाय एक संचिका फरवरी 2011 में नगर विकास विभाग में भेज दी गई.