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राजस्थान के उदयपुर में ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन, झारखंड से मंत्री बादल पत्रलेख ने की शिरकत - रांची न्यूज

राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन की शुरुआत हुई(energy ministers conference held in Udaipur ). दो दिवसीय इस सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मंत्री बादल ने भाग लिया है.

Minister Badal Patralekh
Minister Badal Patralekh

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Published : Oct 14, 2022, 10:33 PM IST

रांचीः राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई(energy ministers conference held in Udaipur ). झारखंड की तरफ से मंत्री बादल पत्रलेख इसमें शामिल हुए हैं. मंत्री बादल ने झारखंड की ओर से बात रखते हुए कहा कि डीवीसी द्वारा समय-समय पर ऊर्जा के बकाया को लेकर राज्य में बिजली की कटौती की जाती है. जबकि राज्य सरकार का पैसा कोयले के रॉयल्टी के रूप में लगभग एक लाख 36हजार 42 करोड़ केंद्र के पास बकाया है.

सम्मेलन में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि ऊर्जा के बकाए को कोयले के रॉयल्टी से काटकर बाकी रकम राज्य को दे दी जाए. मंत्री बादल के इस मांग पर सम्मेलन में केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें लिखित रूप में इन सारी बातों को दे. जिसके बाद वह केंद्रीय कोयला मंत्री भारत सरकार से बात कर इसके समाधान का रास्ता निकालेंगे.

पीएम कुसुम योजना में भी हो रही परेशानीः मंत्री बादल पत्रलेख ने सम्मेलन में पीएम कुसुम योजना में हो रहे किसानों की परेशानी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना कंपोनेंट बी में सोलर पंप वाली एजेंसी का चयन केंद्र द्वारा किया जाता है. एजेंसी के द्वारा सोलर पंप किसान को तो दिया जाता है पर पंप के खराब होने पर उसका मेंटेनेंस का जिम्मा एजेंसी के द्वारा बिल्कुल नहीं उठाया जाता है.

इस पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी एजेंसी का चयन कर सकती है. बादल पत्रलेख ने केंद्रीय मंत्री से मांग की है कि ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को झारखंड में धनबाद जिले में हर्ब कारखाना सिंदरी में लगाएं. बादल ने पकरीबरवाडी में हो रहे विस्थापन का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया, उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के द्वारा कोल माइंस और पावर प्लांट हेतु पकरी बरवाडीह बड़कागांव और चतरा जिले में जमीन का अधिग्रहण किया गया है जिससे विस्थापन की समस्या खड़ी हो गई है. उन्होंने बताया कि आंदोलन के चलते कुछ लोगों की जान भी गई है.

एनटीपीसी के द्वारा उचित मुआवजा और विस्थापितों को नौकरी उचित तरीके से दी जाए. उन्होंने वर्तमान दर से मुआवजा देने की मांग भी केंद्र सरकार से की है. उन्होंने कहा कि राज्य में काफी संख्या में लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं. इस दिशा में उन्होंने केंद्र से इसका समाधान निकालने का अनुरोध किया है. झारखंड में जेबीवीएनएल के अलावा दूसरी बिजली वितरण कंपनियों द्वारा राज्य के सिर्फ अमीर उपभोक्ताओ तथा औद्योगिक उपभोक्ता को बिजली देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई जाती है जिससे गरीब उपभोक्ता काफी परेशान होते हैं. इस दिशा में केंद्र को ध्यान देते हुए एक्ट लाने की जरूरत है, जिससे गरीब उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके.

उन्होंने बताया कि केंद्र के नियम के अनुसार जितने उपभोक्ताओं का लोड है वह उतना का ही सोलर प्लांट लगा सकते हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि कोई भी उपभोक्ता 5 किलो वाट तक का रूफ सोलर प्लेट लगा सके, ऐसा नियम बनाया जाए. इस पर केंद्रीय मंत्री ने नियम बनाने की बातें भी कही हैं. बादल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह उचित नियम बनाएं, जिससे कोई भी पावर प्लांट समय बद्ध तरीके से लगाया जा सके, उन्होंने कहा कि कोयले के क्षेत्र में हम देखते हैं कि कोल ब्लॉक यदि समयबद्ध तरीके से चालू नहीं किया जाता है तो वहां पेनाल्टी लगाए जाने का प्रोविजन है. इसी तर्ज पर पावर प्लांट प्रोजेक्ट डेवलपमेंट को ससमय प्रोजेक्ट लगाने का भी नियम बने अन्यथा उन पर भी पेनल्टी लगाई जाए. सम्मेलन में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक के के वर्मा ने ऊर्जा से संबंधित तकनीकी बिंदुओं के बारे में सम्मेलन में जानकारी दी.

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