रांची:कोविड- 19 की वजह से लड़खड़ा चुकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. बीते 9 महीने में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है. राज्य गठन के बाद से अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था. रोजगार के बढ़ते डिमांड को देखते हुए मार्च के अंत तक 1,100 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य तय कर दिया गया है. अब तक कुल 11 लाख 78 हजार 995 नए परिवरों को जॉबकार्ड दिया गया है. जिसमें कुल 15 लाख 81 हजार 748 मजदूर शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड के लिए 800 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी को लेकर दी बधाई
ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी जिलों के डीडीसी और बीडीओ के साथ मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की गई. विभागीय सचिव ने मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी के लिए सभी उप विकास आयुक्तों को बधाई दी. प्रवासी मजदूरों के लौटने से इस कार्यबल में और वृद्धि हुई है. पूर्व के सालों में जहां औसतन लगभग डेढ़ लाख लोग प्रतिदिन कार्य करते थे. वहीं, राज्य सरकार के प्रयास से इस वित्तीय साल में औसतन लगभग 4 लाख लोग प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं.
मानव दिवस सृजन का आंकड़ा
- 2016- 17 में 707 लाख
- 2017-18 में 592.74 लाख
- 2018-19 में 536.59 लाख
- 2019-20 में 642.01 लाख
- 2020-2021 में 935 लाख
वर्तमान वित्तीय साल में अब तक कुल 12.15 लाख योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ है. जिसमें से विगत 9 माह में ही 3.76 लाख योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है, जो पूर्व के सालों की तुलना में काफी अधिक है.
रिजेक्ट ट्रांजेक्शन की समीक्षा