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18 अगस्त को रैपिड एंटीजेन मास टेस्ट को सफल बनाने में जुटा प्रशासन, डीसी ने दिए कई निर्देश

रांची में 18 अगस्त को रैपिड एंटीजेन मास टेस्ट कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में बैठक की गई. बैठक में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर को कई दिशा-निर्देश दिए गए.

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Published : Aug 16, 2020, 6:14 PM IST

Meeting to make rapid antigen mass test successful in ranchi
उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में बैठक

रांची: 18 अगस्त को रांची जिले में होने वाले रैपिड एंटीजेन मास टेस्ट कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रविवार उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में बैठक की गई. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में आयोजित बैठक में रैपिड एंटीजेन मास टेस्टिंग के लिए प्रतिनियुक्त सभी को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर्स को जरूरी दिशा निर्देश दिये गए.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों मेंमास टेस्ट ड्राइव

उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि रैपिड एंटीजेन मास टेस्टिंग ड्राइव को सफल बनाने के लिए को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर बनाए गए हैं. सभी को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर अपने संबंधित क्षेत्र के लोगों का टेस्ट करवाना सुनिश्चित करेंगे. यह मास टेस्टिंग ड्राइव शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे जगह कराया जाएगा. जहां पर लोग अपने कार्य करने के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं. व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कार्य करने वाले, सफाई कार्य से जुड़े लोग, अपने कार्यस्थल पर ज्यादा लोगों के कांटेक्ट में आने वाले कर्मियों की भी टेस्टिंग की जाएगी.

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मास टेस्ट ड्राइव का लक्ष्य

उपायुक्त ने सभी बीडीओ को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, जेएसएलपीएस, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से समन्वय कर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को मास टेस्टिंग की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने और इस कार्य को सम्पन्न करने का दायित्व सौंपा गया. उपायुक्त ने कहा कि इस मास टेस्ट ड्राइव का लक्ष्य है कि जो लोग ज्यादा अन्य लोगों के साथ संपर्क में ज्यादा आते हैं तो उनको अपनी टेस्टिंग करवा लेनी चाहिए.

उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश

उन्होंने को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर को सख्त निर्देश दिया है कि जो भी लोग अपना सैंपल देने टेस्टिंग सेंटर में आते हैं, वह सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर को मास्क पहनना भी आवश्यक, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कतार में लगाना सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही को-ऑर्डिनेटिंग ऑफिसर को हर दो घंटे में टेस्ट रिपोर्ट के प्रगति की जानकारी जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराना होगा.

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