रांची: गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सांसद पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है. सांसद के अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने एफआईआर को राजनीतिक विद्वेष और अन्य कारणों से दर्ज मानते हुर रद्द करने का आदेश दिया है.
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सरकार की पुलिस जांच की मांग :झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसके द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सांसद पर जो एफआईआर दर्ज किए गए हैं उसमें कई संगीन मामले हैं. जिसकी जांच पुलिस से ही संभव हो सकता है. कोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया कि सांसद पर सिर्फ फर्जी सर्टिफिकेट का ही मामला नहीं बल्कि अन्य आरोप भी है. इसलिए अदालत से आग्रह है कि अन्य आरोपों की जांच के लिए पुलिस को मौका दिया जाए.
सांसद पर लगाए गए आरोप गलत:सांसद निशिकांत दुबे की ओर से पूर्व महाधिवक्ता आर एस मजूमदार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि सांसद पर दर्ज प्राथमिकी में लगाए गए आरोप गलत है. राजनीति से प्रेरित है. भ्रामक है. उनके खिलाफ कोई भी आरोप सत्य प्रतीत नहीं हो रहा है. इसलिए इसमें लगाए गए सभी आरोप गलत है. इसलिए इस प्राथमिकी को रद्द कर दिया जाए. पूर्व में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की ओर से अदालत को बताया गया था कि फर्जी सर्टिफिकेट मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दिया गया है. बता दें कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी डिग्री बताते हुए उनके खिलाफ देवघर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उसी मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है.