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सदन में फिर गूंजा लचर बिजली व्यवस्था का मामला, सरकार का जवाब- 24 घंटे में दिखने लगेगा असर

बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने फिर से लचर बिजली व्यवस्था का मामला उठाया. बता दें कि सरकार ने कहा था कि 24 घंटे के अंदर असर दिखने लगेगा लेकिन डीवीसी पर कोई असर नहीं पड़ा और बिजली कटौती जारी है.

MLA Vinod Singh
विधायक विनोद सिंह

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Published : Mar 13, 2020, 1:55 PM IST

रांची: बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल शुरू होते ही बगोदर से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने सूचना के तहत लचर बिजली व्यवस्था का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि गुरुवार को सदन में भी यह मामला उठा था और तब सरकार ने कहा था कि 24 घंटे के भीतर इस दिशा में ठोस कार्य किया जाएगा.

विनोद सिंह ने कहा कि लगता है डीवीसी पर कोई असर नहीं पड़ा है और उसी तरह बिजली कटौती जारी है. जिसकी वजह से डीवीसी के कमांड एरिया में आने वाले कई जिलों के लोग बेहद प्रभावित हैं. उन्होंने सरकार से मांग की की व्यवस्था कब तक सामान्य होगी इस पर जवाब स्पष्ट होना चाहिए.

24 घंटे में दिखने लगेगा असर

इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पूरे मामले पर खुद मुख्यमंत्री गंभीर है और इसको लेकर डीवीसी प्रबंधन से वार्ता भी चल रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रभावित जिलों में बिजली की व्यवस्था बहुत जल्द सुचारू हो जाएगी. इस जवाब पर भी विनोद सिंह असंतुष्ट रहे और समय सीमा की मांग की. इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संभव है कि अगले 24 घंटे के भीतर प्रभावित जिलों में बिजली व्यवस्था सुचारू हो जाएगी.

सड़क हादसे में हुए घायलों के लिए भाकपा माले ने मुफ्त इलाज की मांग

विधायक विनोद सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को निजी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार की नीति बनानी चाहिए. विधायक विनोद सिंह ने कहा कि जीटी रोड पर चौपारण से चिरकुंडा के बीच अक्सर भीषण सड़क दुर्घटनाएं होती हैं लेकिन ट्रॉमा सेंटर नहीं होने के कारण लोग आसपास के छोटे निजी अस्पतालों में मरीजों को पहुंचाते हैं, जहां इलाज नहीं हो पाता. कई बार पैसे के कारण भी इलाज नहीं हो पाता है.

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सरकार ने मांगा 3 महीने का समय

इस पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली सरकार के मेथड की समीक्षा करेगी. उन्हें कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी अस्पताल को घायल का इलाज करना है लेकिन जहां तक इसको लेकर नीति बनाने की बात है तो उनकी सरकार 3 माह का समय चाहती है.

विभागीय मंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड में सड़क सुरक्षा परिषद गठित है और निशुल्क एंबुलेंस 108 सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है. इस पर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा परिषद का रोल क्या है और अब तक इस परिषद की वजह से सड़क दुर्घटना में घायल कितने मरीजों को फायदा हुआ है, इसका आकलन करना चाहिए.

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