रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (EX CMBabulal Marandi) के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) का मामला अब झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) पहुंच चुका है. रांची अनगड़ा के चैता बेदिया ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अपने परिजनों को अदालत में उपस्थित करने की मांग की है.
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हाई कोर्ट के अधिवक्ता निशांत कुमार ने बताया कि चैता बेदिया के परिवार को पुलिस ने बिना कोई जानकारी के घर से उठा लिया है, उसे कहां रखा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है. इसलिए उन्होंने याचिका दायर कर यह गुहार लगाई है कि, उनके परिजन को हाई कोर्ट में पेश किया जाए. याचिका में राज्य के डीजीपी, रांची के एसएसपी, ग्रामीण एसपी, अनगड़ा थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया है.
15 अगस्त को चैता बेदिया को मिली मामले की जानकारी
बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चे को जबरन साथ ले गए हैं. उन्होंने याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है कि पुलिस उनके परिजनों को जबरन उठाकर ले गई है और प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय वह घर में नहीं थे. वह किसी काम से 14 अगस्त को गिरिडीह गए हुए थे. 15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली. उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है.
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सुनील तिवारी ने चैता बेदिया के भाई को पढ़ाया
याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ गलत मामला दर्ज कराने के लिए परिवार के सदस्यों को उठाया गया है. उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया है. प्रार्थी का कहना है कि सुनील तिवारी के घर पर रहकर उनके भाई ने पढ़ाई की है और वह अभी चेन्नई में नौकरी कर रहा है. उनकी पढ़ाई का खर्च भी सुनील तिवारी ने ही उठाया था.