रांची: निर्मल महतो के 32वें शहादत दिवस के मौके पर सरकार में शामिल आजसू पार्टी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर निर्मल महतो को शहीद का दर्जा दिए जाने के मामले पर आजसू ने कहा कि जब जनता की नजर में वह शहीद हैं. तो सरकार को भी उन्हें शहीद मानना चाहिए.
निर्मल महतो का 32वां शहादत दिवस, आजसू ने की शहीद का दर्जा देने की मांग
आजसू पार्टी द्वारा झारखंड आंदोलन के प्रणेता शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर 8 अगस्त को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर सभी ने उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की बात कही. ऐसे में वर्तमान सरकार में शामिल आजसू पार्टी भी मानती है कि निर्मल महतो शहीद हुए हैं. और मौजूदा सरकार उन्हें शहीद की उपाधी नहीं दे रही.
निर्मल महतो के 32वें शहादत दिवस पर रांची में निर्मल महतो चौक पर कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर सभी ने उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की बात कही. ऐसे में वर्तमान सरकार में शामिल आजसू पार्टी भी मानती है कि निर्मल महतो शहीद हुए हैं. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि जब आम लोग उन्हें शहीद का दर्जा देते हैं. तो सरकार को भी उन्हें शहीद मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगत सिंह को भी उग्रवादी कहा जाता था. लेकिन देश की जनता ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया. उसी तरह निर्मल महतो ने भी झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी.
वहीं आजसू पार्टी की महिला विंग अध्यक्ष वायलेट कच्छप ने कहा कि सरकार से निर्मल महतो को शहीद का दर्जा देने के लिए लगातार मांग की जाती रही है. लेकिन अब तक इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई है और न ही उनके परिवार वालों को अब तक न्याय मिल पाया है. ऐसे में उन्होंने कहा कि निर्मल महतो का झारखंड राज्य के लिए जो सपना था वह अधूरा ही रहा है.