रांची: प्रदेश के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने शपथ तो ले ली है, लेकिन अब उनके मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट करने को लेकर संशय बना हुआ है. इसके पीछे वाजिब वजह है. इससे पहले भी सोरेन 2013 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान वह मौजूदा आवास में ही रहे, जबकि उनका मौजूदा आवास और मुख्यमंत्री आवास बिल्कुल सटा हुआ है.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मिथक को तोड़ा
दरअसल, सीएम हाउस को लेकर यह मिथक रहा है की वहां रहने वाले सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते. राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से लेकर अर्जुन मुंडा तक के कार्यकाल का उदाहरण दिया जाता है. यहां तक की इससे पहले हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 से 23 दिसंबर 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे, तब भी वह सीएम हाउस में रहने नहीं गए. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मिथक को तोड़ा. बावजूद इसके उनके कार्यकाल को अपवाद के रूप में देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें-पेट्रोल-डीजल की कीमत घर के बजट को कर रहा प्रभावित, जानें पलामू की जनता क्या कह रही
सीएम हाउस से जुड़े हैं कई मिथक
कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास से कई कहानियां और मिथक जुड़े हुए हैं. एक तरफ राजनीतिक गलियारे में वास्तु को लेकर सवाल उठते रहे हैं. वहां रहने वाले शख्स के ऊपर हमेशा अस्थिरता की तलवार लटकती रही है. हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास उसी आवास में रहे और पहली बार अपना कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री भी साबित हुए. वहीं, दूसरी तरफ जब तक वह मुख्यमंत्री रहे तब तक हमेशा उनकी अस्थिरता को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ती रही. हालांकि सीएम हाउस में उन्होंने गृह प्रवेश करने से पहले कई वास्तु दोष निवारण उपाय भी किए.
तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से क्या उपाय किए गए
दरअसल, सीएम हाउस का कांके रोड की तरफ खुलने वाला मेन गेट पश्चिमाभिमुखी है. इसके तोड़ में मुख्यमंत्री आवास के पीछे मोरहाबादी के तरफ खुलने वाले दरवाजा का उपयोग शुरू किया गया. मोरहाबादी की तरफ खुलने वाला गेट उत्तरी ईशान कोण पर है. नॉर्थ ईस्ट पॉइंट पर बना मुख्यद्वार भवन के स्वामी को लाभ पहुंचाता है, इसलिए इसका प्रयोग शुभ माना जाता है और वास्तु शास्त्र का यह आधारभूत सिद्धांत भी है. वहीं पूर्व दिशा की तरफ खुलने वाला दरवाजा बुध, बृहस्पति और शुक्र से प्रभावित है. साथ ही इस दिशा का स्वामी सूर्य और शिव को माना जाता है, इस लिए इसका प्रयोग तत्कालीन सीएम के लिए शुभ माना गया.