रांची: स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य की आन, बान और शान कहे जानेवाला रिम्स पर आए दिन सवाल खड़े होते रहते हैं. एक तरफ स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन अस्पताल की प्रशंसा करते नजर आते हैं तो वहीं सरकार के ही कई नुमाइंदे का भरोसा रिम्स से हटता दिख रहा है. हम बात करें अगर सरकारी अफसर और सरकारी लोगों की तो कई ऐसे नेता और अधिकारी हैं जो रिम्स में नहीं बल्कि निजी अस्पताल पर ज्यादा भरोसा करते हैं.
पिछले दिनों जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य पदाधिकारी सिविल सर्जन भी अपना बेहतर इलाज कराने के लिए रिम्स से निजी अस्पताल में शिफ्ट हो गए थे. वहीं वर्तमान में शिक्षा मंत्री भी रिम्स में भर्ती तो जरूर हुए लेकिन महज 2 दिनों में ही वह निजी अस्पताल में शिफ्ट हो गए. इसे लेकर हमने जब रिम्स के प्रभारी अधीक्षक डॉ डीके सिन्हा से बात किया उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से रिम्स स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. लेकिन जहां तक गणमान्य और सक्षम लोगों की बात वह अगर निजी अस्पताल जाते हैं तो ये उनका व्यक्तिगत विचार होता है.