रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संकट से निपटने के लिए झारखंड सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में राज्य सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कमजोर है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोविड-19 से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से बड़े पैमाने पर रिक्वायरमेंट भेजी है. वहीं, डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन ही इस महामारी से बचने का एक मात्र इलाज है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस बाबत तैयारियां की है बावजूद इसके प्रदेश में कई ऐसी इमारतें हैं जो फिलहाल बंद पड़ी है. इन इमारतों को राज्य सरकार क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप कर सकती है.
एक दर्जन से अधिक है बड़े एस्टेब्लिशमेंट
हालांकि, आधिकारिक रूप से इस पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस महामारी के खिलाफ लड़ रही ब्यूरोक्रेसी के अंदर इसको लेकर चर्चा है. दरअसल, राजधानी रांची में एक दर्जन से अधिक ऐसी बड़ी इमारतें हैं जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूदा दौर में इस्तेमाल किया जा सकता है. उनमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का पुराना आवास समेत राज्य विधानसभा की पुरानी इमारत और कांके, मोरहाबादी, धुर्वा समेत अन्य इलाकों में खाली पड़ी इमारतें शामिल हैं. बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी का क्रेज लोगों में बना हुआ है और विश्व के अन्य खिलाड़ियों की तरह उनसे भी लोगों की उम्मीदें हैं कि वह अपना दिल बड़ा कर इस अभियान में आगे आएंगे.
इसको लेकर रेल की बोगी तैयार