रांची: भारत सरकार की ओर से झारखंड की दो हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है. यह दोनों पुरस्कार कला के क्षेत्र में दिए जाएंगे. इनमें से एक रांची के रातू सिमलिया निवासी झारखंड आंदोलनकारी और नागपुरी कलाकार मधु मंसूरी हंसमुख का नाम शामिल है.
मधु मंसूरी से खास बातचीत करते संवाददाता विजय गोप पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा
बता दें कि मधु मंसूरी झारखंड आंदोलनकारी के साथ नागपुरी गीतकार हैं. उन्होंने झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के समय कई गाने लिखे और गाया. इनको झारखंड सरकार से झारखंड रत्न का सम्मान भी मिल चुका है.
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खास बातचीत
गांव छोड़ब नहीं, जंगल छोड़ब नहीं और नागपुर कर कोरा जैसे गाने आज भी झारखंड की वादियों में गूंजते हैं. भारत सरकार की ओर से पद्मश्री की घोषणा के बाद ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार गोप ने मधु मंसूरी हंसमुख से खास बातचीत की.
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'सम्मान की घोषणा के बाद भावुक हूं'
मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि पद्मश्री मिलने की घोषणा के बाद वे काफी खुश हैं. वे भावुक भी हैं, हर तरफ से उन्हें बधाईयां दी जा रही हैं. मधु मंसूरी ने कहा कि जिस तरह से झारखंड की संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए उन्होंने योगदान दिया है और जिसके लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है, वे सरकार को इसके लिए धन्यवाद देते हैं. साथ ही उन्होंने झारखंड कला, संस्कृति और आंदोलन को लेकर कई गाने भी सुनाएं.