रांची: भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव का एकमात्र रास्ता बचा है वह है सोशल डिस्टेंसिंग. यानी लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें. इसे सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन किया गया, लेकिन तमाम गुजारिश के बाद भी लोग इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. हालांकि, पुलिस की सख्ती के कारण राजधानी की सड़कों पर सोशल डिस्टेंसिंग अब नजर आने लगा है. क्योंकि बेवजह सड़क पर गाड़ियों से निकले लोगों पर पुलिस फाइन चार्ज कर रही है.
जायजा लेते वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघनइस बीच ईटीवी भारत की टीम इस उम्मीद के साथ हटिया डैम पहुंची कि लॉकडाउन के कारण शायद वहां कोई नजर नहीं आए. लेकिन यहां आते ही हमारा भ्रम टूट गया. डैम के केचमेंट एरिया में जहां वाटर लॉगिंग था वहां बड़ी संख्या में बच्चे नहाते नजर आए. हटिया डैम के तट पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी. एक तो जान जोखिम वाली बात हो गई ऊपर से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन. ये भी पढ़ें-कोरोना से जंग: पीएम मोदी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दफ्तर पहुंचकर शुरू किया काम
ग्रामीण ज्यादा सजग
अब आप समझ सकते हैं कि एक तरफ प्रशासन यह सुनिश्चित करने में लगा है कि लोग अपने अपने घरों में रहें, लेकिन कोई न कोई बहाना बनाकर लोग नियम को तोड़ रहे हैं. आश्चर्य इस बात की है कि रांची के ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन का बहुत गंभीरता से पालन हो रहा है, क्योंकि खुद ग्रामीण सजग हैं.
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गांवों में बाहरी के प्रवेश पर रोक
ग्रामीणों ने अपने गांव में तमाम बाहरी के प्रवेश पर रोक लगा रखी है. लेकिन हटिया डैम के पास जिस तरह से लोगों का हुजूम जुट रहा है, वह चिंता का विषय है. लोगों ने एक धारणा बना ली है कि जिस इलाके में कोरोना वायरस मरीज मिला है, सिर्फ उस इलाके से खुद को दूर रखना है, जबकि यह बिल्कुल गलत है.