रांची: केंद्र सरकार के किए गए कमर्शियल कोल माइनिंग को लेकर मजदूर यूनियन के साथ-साथ राजनीतिक दल भी लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसी को लेकर राजधानी में गुरुवार को कमर्शियल कोल माइनिंग के विरोध में ट्रेड यूनियनों की शुरू की गई हड़ताल को झारखंड इकाई के सभी वामदलों ने नैतिक समर्थन दिया.
विरोध प्रदर्शनट्रेड यूनियन के तीन दिवसीय हड़ताल का समर्थन करने पहुंचे वामदल के नेताओं ने राजभवन के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ नारा लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही साथ रांची के सीसीएल मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन करते हुए वामदल के नेताओं ने ट्रेड यूनियनों और कोयला मजदूरों का समर्थन देने के लिए प्रतिरोध मार्च किया. जहां सीसीएल के सुरक्षाकर्मियों ने नेताओं को रोका और फिर उन्हें वापस किया.
ये भी पढ़ें-जंगल से निकलकर गांव पहुंचे हिरण की मौत, इलाज में देरी के कारण निकली जान
'हड़ताल को आंदोलन का रूप देने का काम करेंगे'
सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता प्रकाश विप्लब ने मजदूरों के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि यह कमर्शियल कोल माइनिंग सिर्फ निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए किया गया है. जिस तरह से प्रधानमंत्री ने 18 जून को खनन कानून का उल्लंघन करते हुए कमर्शियल कोल माइनिंग में हिस्सा लिया है, यह असंवैधानिक है. इस लिए सभी वाम दल के लोग प्रधानमंत्री के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हैं. अगर सरकार कमर्शियल कोल माइनिंग के मुद्दे पर पीछे नहीं हटती है तो सरकार को झुकाने के लिए हड़ताल को आंदोलन का रूप देंगे.
ये भी पढ़ें-लालू से मिले एमएलसी सुनील सिंह और पूर्व विधायक छोटेलाल राय, जेल प्रशासन से नहीं ली अनुमति
सरकार की इस मंशा को वामदल कभी भी पूरा नहीं होने देगी
वहीं, सीपीआई के नेता अजय सिंह ने भी कहा कि सरकार की इस मंशा को वामदल कभी भी पूरा नहीं होने देगी. क्योंकि गरीबों और मजदूरों के लिए वाम दल ने हमेशा ही आवाज उठाई है और आगे भी उठाते रहेंगे.