रांची: श्रमिकों के हितों को लेकर पूरे देश के साथ-साथ राजधानी में भी वामदलों का विरोध लगातार जारी है. इसी के मद्देनजर 22 मई को सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया गया और श्रमिक कानूनों में किए गए बदलाव का विरोध जताया.
मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन
झारखंड में विरोध प्रदर्शन करते हुए सीटू के कार्यकर्ता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से श्रमिक कानूनों में बदलाव लाए गए हैं और कोयला उद्योगों को निजी हाथों में सौंपने की बात कही जा रही है. इसको लेकर सभी ट्रेड यूनियन के नेताओं में खासा आक्रोश है. इसके मद्देनजर ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी श्रमिक नेताओं ने मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया.
मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे खींच रही है सरकार
श्रमिक नेता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से लॉकडाउन के दौरान झारखंड के लाखों मजदूर बाहर के राज्यों में फंसे हुए हैं और केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे कर रही है साथ ही साथ सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थोप रही है जो कहीं से भी सही नहीं है.
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उन्होंने कहा कि एचईसी सिर्फ झारखंड की ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बड़ी संपत्ति है लेकिन केंद्र सरकार की भारी उद्योग मंत्रालय के द्वारा इसे बार-बार निजी हाथों में सौंपने की बात कही जाती है. एचईसी को एक्स्ट्रा पैकेज देकर मजबूत बनाएं ताकि एचईसी में काम करने वाले मजदूर की आर्थिक सफलता बनी रहे.