रांचीः जमीन से जुड़े मामलों की जांच के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ए मुत्थु कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बना दी गई है. भू राजस्व विभाग ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जमीन से जुड़े चार मामलों के अलावा जांच के दौरान अन्य मामले भी प्रकाश में आते हैं तो उनकी भी जांच की जाएगी. ईटीवी भारत ने जांच कमेटी के अध्यक्ष ए मुत्थु कुमार से बात की. उन्होंने कहा कि जांच की रूपरेखा तैयार की जा रही है. कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ एक बैठक के बाद सभी मामलों के तह तक जाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जिन चार मामलों पर फोकस करना है वह सभी मामले डेढ़ से 2 साल पुराने हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को यह भी बताया कि अगर किसी के पास भी भू माफिया और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से कागजात की हेराफेरी कर जमीन की जमाबंदी से जुड़े मामले हों तो कमेटी से संपर्क कर सकते हैं. इस मामले में रांची के डीसी छवि रंजन से हमारे ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि सभी मामले उनके पदभार ग्रहण करने से पूर्व के हैं. इसके बावजूद उन्होंने सभी मामलों से जुड़े सब रजिस्ट्रार और अंचल अधिकारियों से समय-समय पर रिपोर्ट तलब किया था. उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय कमेटी को सभी तथ्यों से वाकिफ कराया जाएगा.
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जमीन से जुड़े कौन-कौन से 4 मामले हैं विवादों में
- कांके अंचल के चामा में पूर्व डीजीपी डीके पांडे की पत्नी समेत 29 लोगों के नाम गलत तरीके से जमीन लेने का आरोप है. पुलिस हाउसिंग कॉलोनी के नाम से ली गई जमीन से जुड़े इस मामले में तीन रिमाइंडर भेजे गए लेकिन डेढ़ साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
- दूसरा मामला नामकुम अंचल का है. आरोप है कि खासमहाल की 9.30 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से रजिस्ट्री कराई गई है. पूर्व में निबंधन रद्द करने का आदेश जारी हुआ फिर भी मामला डीसी के स्तर से लटका हुआ है. जमीन का यह प्लॉट झारखंड के सबसे बड़े न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से जुड़ा है.
- तीसरा मामला नगड़ी अंचल का है. आरोप है कि पुनदाग में जमीन दलालों ने राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीन के पड़े प्लॉट की अवैध तरीके से जमाबंदी करा दी. इस मामले में भी डीसी को कई रिमाइंडर भेजे गए लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
- चौथा मामला रैयती और जीएम लैंड के बंदरबांट से जुड़ा है. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई थी. इसमें भी भू-माफिया और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया गया था लेकिन आदेश के बाद भी इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उम्मीद की जा रही है कि उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के निदेशक ए मुत्थु कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की जांच में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है.