रांची: चारा घोटाला में फंसे लालू प्रसाद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. चार केसों में से दुमका ट्रेजरी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद को विभिन्न धाराओं में 7-7 वर्ष तक की सजा मिल चुकी है. अब सबसे बड़े मामले डोरंडा ट्रेजरी केस में लालू प्रसाद यादव को सीबीआई कोर्ट के द्वारा दोषी पाए जाने के बाद 21 फरवरी को सजा सुनायी जाएगी.
ये भी पढ़ें-सीबीआई के बाद अब ईडी के राडार पर लालू यादव, चारा घोटाले के दो मामले की जांच करेगा ईडी
41 आरोपियों का सजा:सोमवार (21 फरवरी ) को सीबीआई 41 आरोपियों के सजा बिंदु पर फैसला सुनाएगी.सीबीआई कोर्ट के द्वारा दिये जाने वाले फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. बात यदि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की करें तो सीबीआई अदालत ने 15 फरवरी को फैसला सुनाते हुए साजिश रचने सहित भ्रष्टाचार के कई धाराओं में उन्हें दोषी पाया है. जिससे लालू प्रसाद की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह की मानें तो लालू प्रसाद को न्यायालय ने 120B,420,409,467,468,471,477A,IPC and 13(2),13(1)(c)PC Act के तहत इस महाघोटाले में साजिश रचने के आरोप में दोषी पाया है. इन धाराओं में न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.
ये भी पढ़ें- डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद दोषी करार, 24 आरोपी हुए बरी, 21 फरवरी को सजा पर आएगा फैसला
34 आरोपियों को अधिकतम 3 साल की सजा:डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में लालू यादव, आर के राणा, ध्रुव भगत,जगदीश शर्मा सहित 75 आरोपियों को कोर्ट ने 15 फरवरी को दोषी पाया था. दोषी पाये गये अभियुक्तों में 34 को अधिकतम तीन वर्ष तक की सजा दी गई है. शेष दोषियों की सजा के बिंदु पर न्यायालय द्वारा आज (21 फरवरी) को फैसला सुनाया जाएगा.
वीडियो कॉफ्रेसिंग से भी हो सकता है सजा का ऐलान:सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सजा के बिंदु पर सुनवाई वीडियो कॉफ्रेसिंग से भी हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो न्यायालय द्वारा होटवार जेल प्रबंधन को लालू सहित सभी दोषियों को वीसी के जरिए उपस्थित कराने का निर्देश दिया जायेगा.प्रावधान के अनुसार अभियुक्तों की मौजूदगी में ही फैसला न्यायालय में सुनाया जाता है चाहे वो वीडियो कॉफ्रेसिंग से हो या सशरीर उपस्थिति के जरिए. अधिवक्ता संजय कुमार की मानें तो न्यायालय अभी तक इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है कि वीडियो कॉफ्रेसिंग से सजा की सुनवाई की जाय. ये निर्णय सोमवार को ही होगा. कोर्ट के समक्ष जो न्यायालय का कार्य दिवस है उस वक्त अभियुक्तों को हाजिर होना है.
लालू की कम नहीं हो रही मुश्किलें:चारा घोटाला का यह पांचवां केस है जिसमें लालू यादव दोषी पाये गये हैं. इससे पहले चारा घोटाला के चार केसों में से दुमका ट्रेजरी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद को विभिन्न धाराओं में 7-7 वर्ष तक की सजा मिल चुकी है.जाहिर तौर पर सबसे बड़े मामले में लालू प्रसाद को जिस तरह से आईपीसी और पीसी एक्ट की अलग-अलग धाराओं में सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया है उससे उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है.