रांची:रांची नगर निगम की ओर से वसूले जाने वाले टैक्स में भारी गिरावट आई है. होल्डिंग टैक्स, विज्ञापन, ट्रेड लाइसेंस और अन्य तरह से मिले टैक्स से ही नगर निगम का खर्च चलता है. शहर की साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम भी इन्ही राजस्व के पैसों से ही होता है. लेकिन पिछले वर्ष कोविड संक्रमण के कारण कई लोगो ने होल्डिंग टैक्स जमा नहीं किया. वहीं निगम की बाजार शाखा से भी अन्य मदों में जितना राजस्व प्राप्त होना था. वह नहीं हो पाया. जिसकी वजह से बाजार शाखा से भी मदद नही मिल पाई.
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एक तरफ तो रांची निगम को राजस्व कम मिला. वहीं, दूसरी तरफ पिछले वर्ष कोविड के कारण अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ा. रांची नगर निगम के पार्क से होने वाली कमाई हो या फिर होर्डिंग सहित अन्य कमाई के जरिए, सब पर एक साथ मार पड़ी है. जिस कारण नगर निगम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रांची नगर निगम के उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 47 हजार होल्डिंग टैक्स देने वाले टैक्स पेयर ने टैक्स ही नहीं दिया है. जिस कारण थोड़ी परेशानी हो रही है. वहीं उन्होंने बताया कि होल्डिंग टैक्स के 350 वैसे बकाएदार हैं जिनपर काफी ज्यादा टैक्स बाकी है. उन्हें नोटिस दिया गया है. वहीं कई लोग भी ऐसे हैं जिन्होंने अबतक अपने भवनों का एसेसमेंट नहीं किया है. ऐसे लोगों को भी चिन्हित करने का काम निगम कर रहा है. इसके अलावा निगम वैसे भवनों का खुद असेसमेंट कर उन्हें होल्डिंग टैक्स के दायरे में लाने का काम करेगा ताकि राजस्व में बढ़ोतरी हो सके.
रांची नगर निगम के राजस्व के घाटे को लेकर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि कोविड से न सिर्फ निगम बल्कि आम लोग भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. जिसके कारण राज्य सरकार को आम लोगों को थोड़ी राहत देनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे होल्डिं टैक्स का भुगतान जरूर करें, ताकि निगम लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया करा सके.
वित्तीय वर्ष 2020-21 में निगम के राजस्व में लगभग 15 करोड़ का घाटा हुआ. रांची नगर निगम में एक वित्तीय वर्ष में लगभग एक अरब का राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 84 से 85 करोड़ ही राजस्व की प्राप्ति हो सकी. जबकि कोरोना काल की वजह से खर्च बढ़ गया. वहीं निगम की इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुमानित आमदनी 1 अरब आंकी गई है. हालांकि खर्च पर गौर किया जाए तो विभिन्न मदो में निगम का खर्च फिर बढ़ा है. वहीं निगम की आमदनी मे 47 हजार होल्डिंग टैक्स पेयर के द्वारा होल्डिंग का भुगतान ना किया जाना बड़ी परेशानी है. इसके साथ ही लगभग 1300 लॉज और 78 बैंक्वेट हॉल द्वारा भी अबतक लाइसेंस नहीं लिया गया है. जो निगम के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.