झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

1932 का खतियान बने स्थानीयता का आधार, किसने उठाई मांग, पढ़ें रिपोर्ट - झारखंड में आदिवासी एवं मूलवासी

आदिवासी एवं मूलवासी संगठनों ने स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति को लेकर मुखर है. उन्होंने 1932 का खतियान को इसका आधार बनाने की प्रबल मांग की है.

khatian-of-1932-should-get-place-in-local-and-planning-policy-in-jharkhand
आदिवासी एवं मूलवासी

By

Published : Sep 21, 2021, 7:14 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 7:29 PM IST

रांचीः राज्य में स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. 1932 का खतियान के आधार पर स्थानीय नीति जल्द बने, इसकी आवाज यहां के आदिवासी और मूलवासी समाज ने उठाना शुरू कर दिया है. इसको लेकर मंगलवार को रांची में आदिवासी एवं मूलवासी सामाजिक संगठनों की कोर कमिटी बैठक डॉ. करमा उरांव की अध्यक्षता में हुई.

इसे भी पढ़ें- जेपीएससी नई नियमावली 2021 को लेकर आदिवासी मूलवासी महासभा को आपत्ति, संशोधन की मांग

राज्य में स्थानीय नीति जल्द बने और जाति आधारित जनगणना हो, इसको लेकर आदिवासी-मूलवासी समाज एकजुट होता नजर आ रहा है. एक तरफ राज्य में स्थानीय नहीं बनने से यहां के आदिवासी-मूलवासी समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. दूसरी तरफ जाति आधारित जनगणना नहीं होने से समाज की जनसंख्या का आंकड़ा सामने नहीं आ पा रहा है. यही वजह है कि इन दोनों मुद्दों को लेकर आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन एकजुट होकर आर या पार की लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बैठक में पारित प्रस्ताव और निर्णय
आदिवासी एवं मूलवासी सामाजिक संगठनों की कोर कमिटी बैठक डॉ. करमा उरांव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, साथ ही कई निर्णय भी लिए गए. जिनमें 25 सितंबर को बिहार कल्ब रांची में स्थानीय एवं नियोजन नीति को लेकर विभिन्न समाजिक एवं युवा संगठनों की राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सभा आयोजित किया जाएगा.

01 अक्टूबर को मोरहबादी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष विराट सत्याग्रह सह महाधरना आयोजित होगी. 06 नवंबर 2021 को रांची में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, राज्य के विधायकों, सांसदों के साथ समाजिक संगठनों के साथ खुली बहस होगी. 15 नवंबर तक स्थानीय नीति और नियोजन नीति के संदर्भ में सरकार सकारात्मक निर्णय ले ऐसी अपेक्षा की जाती है, ऐसा नहीं होने पर मोरहबादी मैदान में विराट रैली की जाएगी, जिसकी तिथि बाद में घोषित होगी.


पूर्व की रघुवर सरकार ने 1985 से राज्य में रहने वाले को स्थानीय मानकर स्थानीय नीति बनायी थी. जिसपर बदलाव की तैयारी में मौजूदा हेमंत सोरेन की सरकार है ताकि राज्य के मैट्रिक और इंटर पास युवाओं को थर्ड और फोर्थ ग्रेड में नौकरी मिल सके. कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग इसे लेकर प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है, पर सरकार के इस कदम का विरोध भी शुरू हो गया है.

Last Updated : Sep 21, 2021, 7:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details