रांची/पटनाः खरना के दिन परवैतिन दिनभर उरवास करती हैं. शाम को परवैतिन पहले से तैयार मिट्टी के चूल्हे की पूजा कर अग्नि देव का आह्वान करती हैं. आम की लकड़ी में कपूर रखकर अग्नि जलाती हैं. हिंदू धर्म में सप्तधान पूजन की सामग्री दी जाती है. गेहूं सूर्य के लिए बना है. चूंकि यह पर्व सूर्य की अराधना है इसलिए गेंहू के आटे की रोटी बनाई जाती है. इसी तरह मिष्ठान से पूजा की परंपरा है. चीनी को अशुद्ध माना जाता है इसलिए छठ में गुड़ का ही उपयोग होता है. कांसा, पीतल या मिट्टी के बर्तन में गाय का दूध उबालते हैं और इसमें अरवा चावल डाल कर पकाते हैं. आखिर में गुड़ डालकर खीर तैयार की जाती है.
इस दौरान घर की महिलाएं छठी मइया के गीत गाती रहती हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है. इधर, प्रसाद तैयार हो जाने के बाद सूर्य देव और छठी माई की पूजा की जाती है. इस प्रसाद को परवैतिन पहले स्वयं खाती हैं और फिर घर-परिवार के लोग इसे ग्रहण करते हैं. पहली बार छठ करने जा रही परवैतिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें.