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JRSU को डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स का नहीं मिला बेहतर रिस्पॉन्स, अबतक 5 विद्यार्थियों ने ही कराया नामांकन

झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय ने डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की. हालांकि, शुरुआती दौर से अबतक मात्र 5 विद्यार्थी ही इस कोर्स में नामांकन लिए हैं, जिनकी ऑफलाइन क्लासेस भी करवाई जा रही है. फिलहाल, इस कोर्स को लेकर विद्यार्थियों का रुझान नहीं मिल रहा है.

JRSU started disaster management course in ranchi
झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय

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Published : Nov 4, 2020, 2:09 PM IST

रांची: साल 2016 में रांची में झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय (जेआरएसयू) का स्थापना किया गया था और उसके बाद से ही निरंतर यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा की दिशा में कई बेहतरीन कोर्स संचालित कर रहा है. इन पाठ्यक्रमों का बेहतर रिस्पांस भी विश्वविद्यालय को मिल रहा है. इधर, विश्वविद्यालय कोरोना वायरस जैसे महामारी और विभिन्न डिजास्टर को देखते हुए पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम इन डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की है. इसके माध्यम से विद्यार्थियों को बेहतर प्लेसमेंट देने को लेकर भी प्लान तैयार किया गया है.

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इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

पहले की तुलना में झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय कई मामलों में पठन-पाठन के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुधारा है. हालांकि, अस्थाई तौर पर रांची के सीएम आवास के पास झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय संचालित हो रही है. विश्वविद्यालय का अपना भवन बनने में अभी समय लगेगा. इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने वर्तमान में संचालित हो रहे भवन को उच्च शिक्षा के लिए बेहतर तरीके से विकसित किया है. इसी के साथ विश्व भर में फैले कोरोना महामारी और विभिन्न डिजास्टर को देखते हुए इस साल विद्यार्थियों के लिए एक नया कोर्स इंट्रोड्यूस किया है.

डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर नई कोर्स की शुरुआत

पोस्ट ग्रैजुएट एंड डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को बेहतर प्लेसमेंट देने को लेकर एक प्लान तैयार किया है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की ओर से वैसे कई टेक्निकल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को हुनर के साथ नौकरी मिलने में आसानी होगी, लेकिन समय की मांग को देखते हुए इस यूनिवर्सिटी ने डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर इस नई कोर्स की शुरुआत की है.

नहीं मिल रहा है बेहतर रिस्पांस

हालांकि, शुरुआती दौर से अब तक मात्र 5 विद्यार्थी ही इस कोर्स में नामांकन लिए हैं, जिनकी ऑफलाइन क्लासेस भी करवाई जा रही है. फिलहाल, इस कोर्स को लेकर विद्यार्थियों का रुझान नहीं मिल रहा है और विद्यार्थियों को इसकी जानकारी भी नहीं है. विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि इस कोर्स को करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर प्लेसमेंट दिया जा सके और राज्य के साथ-साथ देश की सेवा वह कर सके. विश्वविद्यालय के कुलपति पिआरके नायडू की माने तो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने को लेकर विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है. विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो इसे देखते हुए हाल के दिनों में अस्थाई भवन का ही इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर तरीके से विकसित किया गया है. साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था भी की गई है.

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विद्यार्थियों को बेहतर माहौल देने का लक्ष्य

विद्यार्थियों के लिए हर तरह की सुविधा भी मुहैया कराई गई है. अब उच्च शिक्षा की दिशा में राज्य को एक रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के रूप में एक बेहतरीन यूनिवर्सिटी मिला है. फिलहाल यह यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों के लिए बेहतर करने की कोशिश में है. हालांकि, अब तक की ट्रैक रिकॉर्ड की देखे तो इस विद्यालय के विद्यार्थी प्लेसमेंट के मामले में फिसड्डी ही है, लेकिन नए सत्र से विश्वविद्यालय प्रबंधन का लक्ष्य है. आने वाले समय में विश्वविद्यालय देश का सर्वोच्च विश्वविद्यालयों में से एक होगा.

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