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केंद्र सरकार के पैकेज को लेकर आमने-सामने पार्टियां, झामुमो ने कहा- राजनैतिक संक्रमण फैला रही बीजेपी - केंद्र सरकार के पैकेज को लेकर जेएमएम ने बीजेपी पर तंज कसा

केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और विपक्षी बीजेपी आमने-सामने हो गई है. झामुमो ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के बीच बीजेपी राजनैतिक संक्रमण फैलाने में लगी है.

Parties on central government package
केंद्र सरकार के पैकेज को लेकर आमने सामने पार्टियां

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Published : Jul 10, 2020, 8:09 PM IST

रांची: केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और विपक्षी बीजेपी आमने-सामने हो गई है. बीजेपी ने एक तरफ जहां इस योजना को लेकर केंद्र सरकार के पक्ष में कसीदे पढ़े हैं. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ तौर पर कहा कि काल्पनिक घोषणाएं के भ्रम के साथ उसकी सच्चाई को स्थापित नहीं किया जा सकता है. झामुमो ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के बीच बीजेपी को राजनैतिक संक्रमण फैलाने में लगी है.

बीजेपी ने की वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस, गिनाई उपलब्धियां
दरअसल, शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए गरीब रोजगार कल्याण योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत 6 राज्यों को शामिल किया गया है, जिनमें झारखंड भी है. साथ ही दीपक प्रकाश ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर रिफॉर्म्स में कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. साथ ही उद्योग व्यवसाय के विकास के साथ गांव, गरीब और किसान के तीव्र विकास पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अपने अधिकारों की बातें तो करती है लेकिन दायित्वों के निर्वहन में पीछे हट जाती है.

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आत्मनिर्भर झारखंड बनाने में भूमिका निभाएं सीएम
दीपक प्रकाश ने कहा कि इससे राज्य का नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आत्मनिर्भर भारत अभियान में आत्मनिर्भर झारखंड बनाने की दिशा में सार्थक और प्रभावी पहल करनी चाहिए. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गरीब रोजगार कल्याण योजना के तहत जिन छह राज्यों के 141 जिलों का चयन किया गया है, उनमें झारखंड के मात्र 3 जिले शामिल हैं. जबकि बिहार के 36 जिलों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में आसन्न चुनाव में लाभ उठाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है. साथ ही केंद्र सरकार ने 151 जोड़ी रेलगाड़ियों को निजी पूंजीपति और औद्योगिक समूह के हाथों बेचने का निर्णय लिया है. इसके अलावा 44 कोल ब्लॉक की कमर्शियल माइनिंग कर अडानी और अंबानी जैसे मित्र समूह को अवसर देने का काम किया गया है.

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