रांची: केंद्र सरकार के कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर राज्य में सियासी बहस जारी है. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी इस नीलामी को सही बता रही है तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा इस नीलामी के खिलाफ है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कोल नीलामी को सही बता कर जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
- उन्होंने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी इस नीलामी से अपने चंद उद्योगपति मित्रों को लाभ दिलाना चाहती है. केंद्र सरकार अगर इमानदारी से कोल ब्लॉक की नीलामी करना चाहती तो उसे राज्य सरकार को विश्वास में लेकर करना चाहिए.
- सुप्रियों भट्टाचार्य ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत घट चुकी है और ऐसे समय में कोल ब्लॉक की नीलामी करना निश्चित ही भारत के राजस्व को कम करता है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार कोल ब्लॉक की नीलामी कर रही है. नीलामी के इस तरीके से साफ प्रतीत होता है की बीजेपी कोयले को कम से कम दामों में अपने उद्योगपति मित्रों को बेचकर लाभ पहुंचाना चाहती है.
- उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कोल ब्लॉक नीलामी को सही ठहरा कर यह कह रही है कि 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन जनता को यह नहीं बताया जा रहा है कि इस कोल ब्लॉक नीलामी से लगभग 65 हजार लोग विस्थापित हो जाएंगे.
- सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कोल ब्लॉक नीलामी से झारखंड के लगभग सभी जिले प्रभावित होंगे उसके बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कोई राय मशविरा नहीं की.
- वहीं, हेमंत सोरेन के दिए गए थैंक्स लेटर को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री के दिए गए थैंक्स लेटर का बीजेपी हवाला दे रही है, लेकिन उस थैंक्स लेटर के साथ कहीं भी बातों को जनता के सामने नहीं बताया जा रहा है.
- थैंक्स लेटर के साथ मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अगर झारखंड के कोलियरी क्षेत्रों में कोल ब्लॉक की नीलामी होती है तो वहां के स्थानीय और मूलवासियों को मालिकाना हक दिया जाए.
- शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रेस वार्ता कर लगाए गए तमाम आरोपों का जवाब देते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक पिटिशन देने से बीजेपी के नेताओं को मिर्ची लगने लगी है. क्योंकि उन्हें पता है कि सुप्रीम कोर्ट में जब केस फाइल होगा तो उनके सभी करतूतों का पोल खुलने लगेगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के किए गए कोल ब्लॉक नीलामी को लेकर झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है और कोल ब्लॉक की नीलामी को जनविरोधी बता कर रोक लगाने की अपील कर रही है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार का पुरजोर विरोध कर रही है.