रांची: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सूबे में कोरोना के हालात पर हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि सिस्टम मरा है इसलिए लोग मर रहे हैं. इस पर जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मंगलवार रात ही बीजेपी की फ्रस्टेशन सामने आ गई थी, जब पीएम अपनी बात देश के सामने कहने आए. भारत सरकार ने पूरी तरह से अपने हर फैसले पर प्रायश्चित करते हुए राज्यों पर फैसला छोड़ दिया. जब शहर श्मशान बनने लगे तब केंद्र सरकार को होश आया. राज्य सरकार के हाथों को क्यों बांधा गया.
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सेल की ऑक्सीजन बाहर जा रही है, जबकि सूबे में सिलेंडर की कमी है. इसके कारण समय पर ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है. ऑक्सीजन के लिए सरकार ने टॉस्क फोर्स भी बनाई है. जरूरी दवा उपलब्ध हो इस पर राज्य सरकार गम्भीर है. विशेषज्ञ बताते हैं रेमडेसिवीर के नाम पर कालाबाजारी और ठगी हो रही है. इसके रोकना चाहिए.
सर्वदलीय बैठक में तो दीपक प्रकाश ने सरकार को सहयोग की अच्छी बातें की थीं, 72 घंटे में दिल्ली से कौन सा मैसेज आ गया कि सरकार पलटने की बात दीपक प्रकाश करने लगे. राज्य सरकार और अधिकारी लगातार केंद्र सरकार के सम्पर्क में रहे हैं. सीएम की पहल तो राज्य में हर वक्त दिख रही है. हम हमेशा केंद्र सरकार के सम्पर्क में हैं.
केंद्र सरकार को पहले मान लेनी चाहिए थी विपक्ष की सलाह
केंद्र सरकार को जो काम 6 महीने पहले करने चाहिए थे अब मजबूर होकर कर रहे हैं. विपक्ष की सलाह पहले माननी चाहिए थी, जिसे केंद्र सरकार अब मान रही है. शुरू से विपक्ष का सुझाव बीजेपी मानती तो देश मे ऐसे हालत नहीं होते. लाशों को सही से एम्बुलेंस से ले जाया जा रहा है. राज्य में कहीं भी मोर्चरी वैन है क्या ?. ये समस्या डेढ़ साल की नहीं है. प्राइवेट एम्बुलेंस पर किसी का वश नहीं. हेमंत सरकार ने प्राइवेट एम्बुलेंस का भी भाड़ा तय कर दिया है. ऐसे भी लोग हैं जो अपने स्तर पर एम्बुलेंस सेवा दे रहे हैं.