रांचीः जामताड़ा जिले के नाला विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रवींद्र नाथ महतो ने झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है. इस बात की पुष्टि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की है. सोरेन ने कहा कि मंगलवार को रवींद्र नाथ महतो को अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई जाएगी.
विधायक रवींद्र नाथ महतो ने दावा किया कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे वो ईमानदारी से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि सदन को चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष के सदस्य भी समझदार हैं और सदन चलाने में पूरा सहयोग करेंगे. दलबदल के एक सवाल पर रवींद्र नाथ महतो कहा कि इस मामले में जो भी संवैधानिक प्रावधान है, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इस दायरे में जो भी आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
रवींद्र नाथ महतो का राजनीतिक सफर कौन हैं रवींद्र नाथ महतो?
- भागलपुर विश्वविद्यालय से स्नातक
- कॉलेज के समय से राजनीति में सक्रिय
- 2005 में पहली बार पहुंचे विधानसभा
- 2009 में बीजेपी के सत्यानंद झा से हारे
- 2014 में जेएमएम के टिकट से दोबारा जीत
- 2019 में तीसरी बार चुने गए विधायक
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आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा राजनीति में वे बरसों से सक्रिय हैं लेकिन इस बार उन्हें मौका मिला है तो अपनी बात को और सदन में रखेंगे और जनता के विषय को उठाएंगे.
कांके से बीजपी के विधायक समरी लाल ने दावा किया कि देश में उनका विधानसभा इलाका ऐसा है, जहां दुनिया के तमाम शैक्षणिक संस्थान हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां देश का प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान है, वहीं दूसरी तरफ कृषि, वानिकी और पशु चिकित्सा से जुड़े संस्थान हैं. इतना ही नहीं देश भर में मनोचिकित्सा के लिए विख्यात संस्थान रिनपास और सीआईपीपी भी यहीं हैं. उन्होंने कहा कि मैक्लुस्कीगंज और खेलगांव जैसे इलाके भी उनके क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है.
राज्य में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पिछली सरकार में केवल बातें हुई लेकिन इस सरकार में गांव गांव विकास होगा और विकास की गाड़ी की रफ्तार से दौड़ेगी.
खरमास के बाद चुनेंगे नेता प्रतिपक्ष
बीजेपी के रांची से विधायक सीपी सिंह ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा विपक्ष में बैठी है. उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में भी बीजेपी विपक्ष में लंबे समय तक रहा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चूंकि अभी खरमास चल रहा है और 14 जनवरी को समाप्त होगा, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष का चयन होगा. विकास से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इस चुनाव में यह बात स्पष्ट हो गया है कि अब विकास चुनाव में जीत का पैमाना नहीं है.