रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वैश्विक महामारी कोविड-19 का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी के टाटीसिलवे स्थित सरला बिरला विश्वविद्यालय को जबरन खुलवाया है. साथ ही उस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नाम पर सैकड़ों लोगों की बैठक आयोजित की गई है. इतना ही नहीं बैठक के बाद संस्थान का हॉस्टल को खुलवाकर वहां विधायकों को रहने की हिदायत दी गई है.
'रास चुनाव में खरीद फरोख्त करने आए नेता'
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा चुनाव में निर्वाचक मंडल के सभी सदस्य अपनी स्वेच्छा से मतदान करते हैं और उन पर कोई व्हिप भी जारी नहीं होता है. ऐसे में उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयोग से मांग की है कि इस मामले को संज्ञान में लिया जाए. साथ ही स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय परिसर को खाली करवा कर जबरन किए गए राज्यसभा निर्वाचक मंडल के बीजेपी सदस्य को मुक्त करवाने की मांग की है. इतना ही नहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दिल्ली से रांची बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर और अरुण सिंह की यात्रा पर भी सवाल उठाया है. भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक बड़ा सवाल है कि चार्टर विमान से दोनों नेता विधायकों के खरीद-फरोख्त के लिए काला धन लेकर आए हैं क्या.
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शिक्षण संस्थान को बीजेपी बना रही है राजनीति का अड्डा
उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायकों को सरला बिरला यूनिवर्सिटी में क्वॉरेंटाइन और लॉकडाउन करके रखने का जो निर्णय किया गया वह साफ दर्शाता है कि भाजपा शिक्षण संस्थाओं को राजनीति का अड्डा बनाने पर तुली हुई है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करें.