रांची: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की कोर कमेटी की एक आवश्यक बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु और संचालन प्रधान महासचिव बिरेंद्र कुमार ने किया. बैठक में चर्चा करते हुए कहा गया कि पहले विधानसभा-सत्र चलने के दौरान राजनीतिक-सामाजिक संगठनों या फिर आम जनता विधानसभा के समक्ष धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार और विधायकों के पास अपनी समस्याएं और मांगें रखा करते थे, लेकिन रांची के उपायुक्त ने अब ऐसी निर्जन जगह उपलब्ध कराई है, जहां न तो कोई ऑफिस है, और न ही कोई किसी का सुनने वाला. यह सरासर जनता की आवाज को दबाने और लोकतंत्र की गला घोटने के समान है, जिसकी वैश्य मोर्चा कड़ी निंदा करता है और उक्त धरनास्थल का बहिष्कार करता है.
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बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि उनकी सरकार आंदोलनकारियों की सरकार है तो मुख्यमंत्री जी को वैश्य और पिछड़े वर्ग की भी बात सुननी चाहिए और चालू विधानसभा-सत्र में पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण देने की घोषणा करना चाहिए. अन्यथा वैश्य मोर्चा पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने, वैश्य आयोग का गठन, छोटे दुकानदारों और व्यवसायियों के 10 लाख तक की ऋण माफी और वैश्य समाज के ऊपर हो रहे जुल्म-अत्याचार और उपेक्षा के खिलाफ आंदोलन को और तेज करेगी.
इसी के तहत वैश्य मोर्चा की ओर से आगामी 8 अप्रैल से तीन दिवसीय महाधरना शुरू किया जाएगा. यह महाधरना रांची के राजभवन के सामने दिया जाएगा. इसके पूर्व शहीद भगत सिंह शहादत दिवस और डॉ राममनोहर लोहिया की जयंती पर 23 मार्च को रांची में 'आरक्षण बढ़ाओ-अधिकार दो' विषय पर 'विचार-गोष्ठी' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज के प्रमुख बुध्दिजीवियों को आमंत्रित किया जाएगा.
बैठक के अंत में चाईबासा में आइईडी विस्फोट में शहीद हरिद्वार साव (पलामू), देवेंद्र पंडित (गोड्डा) और किरण सुरीन (सिमडेगा) को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी.