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JUT की बेहतरीन पहल: उद्योग और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए 3 केंद्रों की स्थापना

झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने उद्योग और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए राज्य में 3 केंद्रों की स्थापना की है. ऐसा कर विश्वविद्यालय ने इतिहास रच दिया है.

jharkhand technical university set up 3 centers for industry and educational activities
झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी

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Published : May 7, 2021, 7:49 AM IST

रांची:झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने एक बेहतरीन पहल की है. शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी इस विश्वविद्यालय अपनी सहभागिता हमेशा ही दिखाई है. इसी कड़ी में इस विश्वविद्यालय ने झारखंड के कोल्हान क्षेत्र के औद्योगिक घरानों के साथ तालमेल बनाकर विद्यार्थी हित में तीन नोडल सेंटर बनाए हैं. इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा.

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झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के तहत उद्योग संस्थान सहयोग प्रकोष्ठ आईआईसी पहले से ही संचालित है. इस प्रकोष्ठ के अब 3 विंग बनाए गए हैं. राज्य में 3 केंद्रों की स्थापना करते हुए विश्वविद्यालय ने इतिहास रचा है. अब तक झारखंड के किसी भी विश्वविद्यालय ने ऐसी पहल नहीं की है. इसके तहत झारखंड के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के साथ विश्वविद्यालय समन्वय स्थापित कर विद्यार्थियों को रिसर्च काम में लगाएगी. ऐसे उद्योगों को मैन पावर पूरा करेगा. इससे विद्यार्थियों को बेहतर प्लेसमेंट मिलेगा.

3 केंद्रों की स्थापना

इसके लिए जेयूटी ने राज्य में 3 केंद्रों की स्थापना की है. यह केंद्र कोल्हान क्षेत्र बोकारो क्षेत्र और रांची क्षेत्र हैं. बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जमशेदपुर को कोल्हान औद्योगिक क्षेत्र का नोडल सेंटर बनाया गया है, जोकि आईपीई के सहयोग से उद्योग इन इकोसिस्टम के वैल्यू क्रिएशन का नेतृत्व करेगा. इसी के तरह बीआईटी सिंदरी बोकारो और धनबाद क्षेत्र और जेयूटी रांची क्षेत्र में गतिविधियों का नेतृत्व करेगा.

कुलपति ने दी जानकारी
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि शैक्षणिक और औद्योगिक जगत के बीच समग्र सामाजिक हित और विकास के लिए साझेदारी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में इसे अपने मिशन के रूप में लिया है, ताकि बेहतर निर्माण के लिए शैक्षणिक और उद्योग जगत के बीच की खाई को कम किया जा सके.

उन्होंने कहा कि अकादमिक क्षेत्र की भागीदारी न केवल संगठित क्षेत्र के उद्योगों के लिए हो, बल्कि यह संभावित रूप से स्थानीय उद्योग और राज्य के हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक तारणहार की भूमिका भी निभा सकती है.

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