रांची: झारखंड में इन दिनों बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही जा रही है. राज्य सरकार इस दिशा में सभी औपचारिकता पूरी कर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को चयन की जिम्मेदारी दी है. मगर जिस तरह से पीजीटी शिक्षकों के लिए विज्ञापन निकाली गई है उससे झारखंड के छात्र खासे नाराज हैं (Jharkhand students angry with JSSC).
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जेएसएससी ने सरकार के नियमावली को ठेंगा दिखाकर इस नियुक्ति परीक्षा को आयोजित करने में जुटी है, जिससे नाराज अभ्यर्थी ना केवल आंदोलन के मूड में हैं बल्कि इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जेएसएससी द्वारा 3120 पीजीटी शिक्षकों की बहाली निकाली गई है. जिसके लिए आवेदन 1 नवंबर तक भरे जायेंगे. इस विज्ञापन में 25 फीसदी सीट सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक जो 3 वर्षों के अनुभव रखने वाले हैं. इनके लिए सीटें आरक्षित की गई हैं. विवाद की मुख्य वजह उम्र सीमा में छूट नहीं मिलना है.
सरकारी नियमावली के अनुसार ऐसे शिक्षकों की उम्रसीमा में हर कोटि में 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है. मगर जेएसएससी द्वारा निकाले गए विज्ञापन में इसका प्रावधान नहीं है. इसके अलावा सामान्य अभ्यर्थियों में भी नियमावली के अनुसार उम्रसीमा में छूट नहीं मिलने से नाराजगी है. छात्र नेता मनोज कुमार का मानना है कि नियमावली के अनुसार पिछले पीजीटी परीक्षा के वर्ष और अभी का आकलन कर उम्रसीमा में छूट का प्रावधान है. मगर जेएसएससी इसे नजरअंदाज कर हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
इधर जेएसएससी के खिलाफ शिक्षक संघ गोलबंद होकर आंदोलन करने की तैयारी में हैं. झारखंड माध्यमिक संघ के अध्यक्ष गंगा यादव ने कहा है कि एक तरफ झारखंड में कार्यरत शिक्षक को मैट्रिक-इंटर झारखंड का होने की अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, उम्रसीमा में छूट नहीं देकर जेएसएससी ने अन्याय किया है. इसके खिलाफ छात्रों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई गई है. अगर इसे संशोधित नहीं किया जाता है तो माध्यमिक शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करेगा.
जेएसएससी द्वारा निकाली गई पीजीटी भर्ती परीक्षा के लिए उम्र की गणना 1 जनवरी 2022 के आधार पर की गई है. जिसमें न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अधिकतम उम्र अनारक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 40 वर्ष, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 42 वर्ष, महिला के लिए 43 वर्ष, अनुसूचित जाति 45 वर्ष, अनुसूचित जनजाति 45 वर्ष रखी गई है. इसके अलावा सभी को कोटि के निशक्त अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्षों की अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान किया गया है. इस मामले में ना तो जेएसएससी के अधिकारी कुछ बोलना उचित समझ रहे हैं और ना ही शिक्षा विभाग के कोई अधिकारी. छात्र नाराज हैं और शिक्षा सचिव से लेकर कार्मिक सचिव तक को चिठ्ठी लिखकर गुहार लगाते फिर रहे हैं.