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5 साल का वर्क प्लान तैयार कर रही झारखंड पुलिस, ADG स्तर के अधिकारियों को मिला टास्क

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Published : Sep 26, 2019, 4:32 AM IST

झारखंड पुलिस आने वाले पांच सालों की कार्ययोजना पर काम कर रही है. पुलिस के एडीजी स्तर के अधिकारियों को साल 2024 तक के लिए कार्ययोजना बनानी है. मुख्य सचिव की ओर से टास्क मिलने के बाद पुलिस अधिकारी कार्रवाई में जुटे हैं.

झारखंड पुलिस

रांची: झारखंड पुलिस आने वाले पांच सालों की कार्ययोजना पर काम कर रही है. राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने पुलिस के आला अधिकारियों को अलग-अलग विंग और पुलिस के लिए आगे के दिनों में आने वाली चुनौतियों और उससे निपटने की रणनीति बनाने का टास्क दिया है.

साल 2024 तक के लिए कार्ययोजना
पुलिस के एडीजी स्तर के अधिकारियों को साल 2024 तक के लिए कार्ययोजना बनानी है. मुख्य सचिव की ओर से टास्क मिलने के बाद पुलिस अधिकारी कार्रवाई में जुटे हैं. 27 सितंबर को पहली कार्ययोजना के साथ मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को बुलाया है.

किसे क्या टास्क मिला

  • साल 2024 तक पुलिसिंग में क्या-क्या बदलाव होंगे, कितने पुलिसबलों की जरूरत होगी. इसके लिए पुलिस मानवाधिकार से जुड़े मामलों में एडीजी आरके मल्लिक को टास्क दिया गया है.
  • पुलिस आधुनिकीकरण मसलन पुलिस के लिए किन-किन चीजों की जरूरत आने वाले दिनों में पड़ेगी, इसपर कितना खर्च आएगा, कौन- कौन से संसाधनों की जरूरत पुलिस को पड़ेगी, इसके लिए एडीजी प्रशांत सिंह को टास्क दिया गया है.
  • वहीं, पुलिस के लिए तकनीक की जरूरत और उसकी चुनौतियों पर एडीजी अनुराग गुप्ता, सोशल मीडिया से जुड़े पहलूओं पर एडीजी अजय कुमार सिंह, पुलिस अधिकारियों के अनुसंधान के स्तर पर सुधार और प्रशिक्षण के विषय पर एडीजी अनिल पाल्टा, नक्सल अभियान को लेकर एडीजी मुरारीलाल मीणा, जबकि साइबर अपराध और उसके पहलूओं पर टास्क का काम आईजी नवीन कुमार सिंह को दिया गया है.

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क्यों पड़ी जरूरत
झारखंड में नक्सलवाद, साइबर अपराध को लेकर काफी चुनौतियां हैं. वहीं अनुसंधान के स्तर को सुधारने का दबाव भी है, ताकि अधिक से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई जा सके. सोशल मीडिया ने भी कई नई चुनौतियां पेश की हैं. ऐसे में राज्य के मुख्य सचिव ने पुलिस के आला अधिकारियों को पांच साल में पुलिसिंग में बदलाव का टास्क दिया है. पुलिस अधिकारियों की बनाई कार्ययोजना को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा और जिलों के एसपी को भी शुरूआती दौर में इसे लागू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

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