झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

झारखंड के सभी थानों के मैन पावर की मांगी गई जानकारी, पुलिस मुख्यालय करेगा मंथन

झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी थानों के मैन पावर, बिल्डिंग की स्थिति, हथियार, कारतूस, सुरक्षा उपकरणों, दंगा निरोधक उपकरणों, गाड़ियों और संचार उपकरणों की जानकारी मांगी है. झारखंड पुलिस की ओर से सारी जानकारी एक साथ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सिस्टम नाम की वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी.

By

Published : Oct 29, 2019, 9:35 AM IST

Updated : Oct 29, 2019, 9:55 AM IST

झारखंड पुलिस मुख्यालय

रांची: अपराध के बढ़ते आंकड़े और तरीके के बीच झारखंड पुलिस मुख्यालय अब वैसी जरूरतों को पूरी करने की तैयारी कर रहा है जो अपराध रोकने में कामयाब हो. बढ़ती आबादी और जरूरत के हिसाब से झारखंड पुलिस में मैन पावर और आधारभूत संरचनाओं का हिसाब-किताब किया जा रहा है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी थानों के मैन पावर, बिल्डिंग की स्थिति, हथियार, कारतूस, सुरक्षा उपकरणों, दंगा निरोधक उपकरणों, गाड़ियों और संचार उपकरणों की जानकारी मांगी है.

देखें पूरी खबर

ऐप पर होगा अपलोड
झारखंड पुलिस की ओर से सारी जानकारी एक साथ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सिस्टम नाम की वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी. झारखंड के हर जिले से सूचनाएं आने के बाद इसी आधार पर थानों को मैन पावर और दूसरी आधारभूत सूचनाएं दी जाएंगी. सूचनाएं पूरी तरह से एकत्र हो जाने के बाद पुलिस मुख्यालय में वरीय अधिकारी उसका मूल्यांकन करेंगे और उसके बाद फिर थानों में मेन पावर और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी करेंगे.

ये भी पढ़ें-बोकारो: जमीन विवाद में महिला की हत्या, देवर गिरफ्तार

मैन पावर की कमी
झारखंड पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, पुलिस में मैन पावर की काफी कमी है. गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड पुलिस के वर्तमान तय मैन पावर में तकरीबन 19, 000 की कमी है. फरवरी महीने में राज्य पुलिस में 8 घंटे की कार्य सीमा तय की गई थी. लेकिन मैन पावर की कमी के कारण जिलों में 8 घंटे का काम का आदेश लागू नहीं हो पाया. यह आदेश सिर्फ कागजों में ही सीमित होकर रह गया.

बीपीआरएंडी का रिसर्च: काम के बोझ से दबे हैं जवान
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट रिसर्च के मुताबिक, 8 घंटे की ड्यूटी की व्यवस्था लागू होने पर झारखंड में वर्तमान बल के 1.68 गुना अधिक बल की जरूरत पड़ेगी. ब्यूरो पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के रिसर्च के अनुसार 90 फीसदी पुलिसकर्मी 8 घंटे से अधिक काम करते हैं. 68 फीसदी थानेदार और 76 फीसदी सुपरवाइजर अफसर मानते हैं कि उन्हें 11 घंटे से अधिक की ड्यूटी रोजाना करनी होती है. जबकि 80 फीसदी पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी खत्म होने के बाद वीआईपी ड्यूटी या दूसरी वजहों से महीने में 8-10 बार दोबारा बुलाने की बात कही है.

ये भी पढ़ें-रेडियो खांची की टेस्टिंग पूरी, जल्द गूंजेगी इसकी धुन

अन्य राज्यों से बेहतर है आंकड़ा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में प्रति लाख पुलिसकर्मियों की तैनाती का स्तर पड़ोसी राज्यों से बेहतर है. झारखंड में प्रति लाख पर 159, पश्चिम बंगाल में 9, बिहार में 65, ओडिशा में 125, यूपी में 125, छत्तीसगढ़ में 205 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 144 का है.

Last Updated : Oct 29, 2019, 9:55 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details