रांची:वैट टैक्स में कमी और सरकार के पास पेट्रोल पंप मालिकों के बकाए राशि की मांग को लेकर झारखंड पेट्रोल-डीजल डीलर एसोसिएशन की ओर से 21 दिसंबर को 12 घंटे का बंद बुलाया गया था. राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल का वितरण बंद था. सभी पेट्रोल पंपों पर No purchase no sale का बोर्ड लगा हुआ था. जो भी लोग पेट्रोल पंप पर अपने वाहनों में तेल भरवाने पहुंच रहे थे, उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा था.
इसे भी पढे़ं: झारखंड में पेट्रोल पंप हड़ताल: धनबाद में खुला है सिर्फ एक पेट्रोल पंप, पंप मालिक ने कहा- सरकार के आदेश का कर रहे पालन
झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन (jpda) के द्वारा बुलाए गए बंद को खाद्य आपूर्ति विभाग ने 20 दिसंबर की रात को ही चिट्ठी जारी कर अवैध घोषित कर दिया था और सभी जिलों के उपायुक्तों को यह निर्देश दे दिया था कि अपने-अपने क्षेत्रों में पेट्रोल पंप बंद ना होने दें, क्योंकि यह आवश्यक वस्तु में शामिल है. कानूनी रूप से यह अवैध है.
सरकार के इसी आदेश पर नाराजगी जाहिर करते हुए झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि सरकार के इस आदेश से हमारे बंदी पर थोड़ा बहुत असर जरूर पड़ा, क्योंकि कई ऐसे पेट्रोल पंप डीलर्स हैं जो सरकार के आदेश के बाद भयभीत हो गए और अपने पंप खोलने पर मजबूर हो गए. अशोक कुमार ने कहा कि सरकार इस तरह का आदेश जारी कर हमें धमकाने का प्रयास कर रही है, ताकि हम अपनी जायज मांग भी नहीं कर सकें.
रामेश्वर उरांव पर आरोप