रांचीः झारखंड में सड़क हादसा रोकने की दिशा में बेहतर काम हुआ है. राज्य का सड़क हादसों के लिहाज से देशभर में 20 स्थान पर है. वहीं राज्य के दो जिलों धनबाद और जमशेदपुर देश भर में सड़क हादसे रोकने के प्रतिशत के लिहाज से टॉप पांच जिलों में शामिल हैं. भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसों को लेकर गुरुवार को रिपोर्ट जारी की है.
सड़क हादसों में 20वें स्थान पर झारखंड ये भी पढ़ेंःझारखंड के तीन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पर लगी रोक, सीएम ने कहा- एम्स को क्यों छोड़ दिया
क्या है रिपोर्ट में
मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिहाज से दिल्ली, पूणे, धनबाद, भोपाल और जमशेदपुर उन जिलों शहरों में शामिल हैं, जहां साल 2018 की तुलना में सड़क हादसों में प्रतिशत के लिहाज से सर्वाधिक कमी आयी है. धनबाद में साल 2018 में 252 हादसे हुए थे, वहां 125 प्रतिशत सड़क हादसों के वारदातों में कमी आयी है. धनबाद में साल 2019 में 127 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. वहीं जमशेदपुर में सड़क हादसों में 65 प्रतिशत की गिरावट आयी है. जमशेदपुर में साल 2018 में 157 घटनाएं हुईं थी, जबकि 2018 में महज 92 घटनाएं जिले में रजिस्टर हुईं. भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसों को लेकर गुरुवार को रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी राज्य बिहार सड़क हादसों के मामलों में पंद्रहवें स्थान पर है.
राज्य में 5217 हादसों में 3801 ने गवाईं जान
झारखंड में साल 2019 में 5217 सड़क हादसें हुए. इनमें 3801 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. वहीं 3818 लोग इन हादसों में जख्मी हुए. बिहार में 10007 हादसों में 7205, ओड़िशा में 11064 हादसों में 5333, यूपी में 42672 हादसों में 22665 लोगों की जान गयी. झारखंड में 2018 में 5399 घटनाएं हुई थीं. इस तरह सड़क हादसे में राज्य में 1.77 प्रतिशत की कमी आयी है.
बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण गईं अधिकांश जानें
सड़क हादसे में बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं बांधने के कारण सर्वाधिक जानें गई हैं. बगैर हेमलेट वाहन चलाने के कारण 712 बाइक सवारों की मौत हुई, वहीं बाइक में पीछे बैठे 396 लोगों को भी अपनी जान गवानी पड़ी. बगैर हेलमेट बाइक चलाने के कारण 412 लोग गंभीर जबकि 88 लोग मामूली रूप से जख्मी हुए. वहीं कार में बगैर सीट बेल्ट बांधे ड्राइविंग के कारण 318 चार पहिया वाहन चालकों की मौत हुई, वहीं 145 पैसेंजरों को भी अपनी जान गवानी पड़ी. सड़क हादसों के वारदात में 1428 वाहन चालकों के पास वैलिड लाइसेंस था, जबकि 501 लर्निंग लाइसेंसधारी और 534 बगैर लाइसेंस ड्राइविंग करने वाले सड़क हादसे के शिकार हुए. सड़क हादसों में 198 नाबालिग मारे गए, वहीं 18 से 25 की उम्र के 357 युवक और 16 लड़कियां भी दुर्घटना में मारी गईं.
पैदल चलने वाले 386 भी मारे गए
सड़क हादसे में पैदल चलने वाले 386 लोग भी मारे गए हैं. सड़क हादसों में 2081 घटनाएं नेशनल हाइवे पर, जबकि 1458 स्टेट हाइवे पर हुई हैं. नेशनल हाइवे पर होने वाले हादसों के लिहाज से झारखंड 18 वें स्थान पर वहीं स्टेट हाइवे पर होने वाले हादसों के लिहाज से झारखंड 14 वें स्थान पर है. हादसों में 3414 वारदातों में किसी न किसी की मौत हुई है. जबकि 1481 घटनाओं में लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए. 215 घटनाओं में लोगों को मामूली चोट आयी है.