रांचीःझारखंड की राजनीति में मची खलबली पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक वाचाल के रूप में जाने जाने वाले निशिकांत दुबे एक दुष्प्रचार करता है. इसमें कहा गया कि राज्यपाल के पास चुनाव आयोग का सीलबंद लिफाफा आया है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होने की सिफारिश की गई है. इसके बाद राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में सदस्यता रद्द करने से खबर प्रसारित करने लगती है. तथ्यहीन खबर प्रसारित करना दुखद बात है.
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गुरुवार को जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस बात की जानकारी राज्यपाल को नहीं है, उस बात की जानकारी बीजेपी के नेताओं के पास है. दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने स्पष्ट कहा कि उन्हें किसी प्रकार के पत्र आने की सूचना नहीं है. राजभवन जाकर ही कुछ स्पष्ट कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि जब संवैधानिक पद पर मौजूद राज्यपाल को किसी भी लिफाफे की जानकारी नहीं है तो भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे को जानकारी कैसे हो गई.
क्या कहते हैं जेएमएम नेता
जेएमएम नेता ने कहा कि आज की घटना से स्पष्ट हो गया कि भारतीय जनता पार्टी सरकारी एजेंसियों के साथ खिलवाड़ कर रही है और जो ऑफिशियल मैटर हैं, उसे सार्वजनिक करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि ऑफिशियल विषय को सार्वजनिक करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ संबंधित प्राधिकारण और अधिकारी होता है. लेकिन बीजेपी के बिना किसी अधिकार के चुनाव आयोग के पत्र का वर्णन कर रही है और उसके ऊपर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती है. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे पर चुनाव आयोग और न्यायपालिका संज्ञान ले और उनपर अपराधिक मुकदमा दर्ज कराते हुए उनके लोकसभा सदस्यता को समाप्त करें.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ऑफिशल डॉक्यूमेंट्स को उजागर करना नियम विरुद्ध है. इसके बावजूद निशिकांत दुबे ऑफिशियल ड्क्यूमेंट को बार बार सार्वजनिक करते हैं. इसपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सांसद विजय हंसदा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को धज्जियां उड़ा रही है, जो देश की जनता देख रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जनादेश दिया. लेकिन बीजेपी सरकार को अस्थिर करने में लगी है, जो कभी संभव नहीं होगा.